✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
धन की अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी की पूजा का पर्व दीपावली के बाद मंगलवार को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा। जिले में इसका प्रभाव आंशिक रूप से देखने को मिला। इस दौरान जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी मंदिरों के पट बंद रहे। वहीं ग्रहण काल समाप्त होने के बाद मंदिरों के पट खोलकर पूजा अर्चना की गई। इस संबंध में आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि 27 वर्ष बाद दीपावली के अगले दिन लगने वाले इस सूर्यग्रहण का विशेष महत्व रहा।
बताया कि जिले में शाम चार बजकर 45 मिनट से शुरू होकर पांच बजकर 15 मिनट तक ग्रहण काल रहा। इस दौरान ग्रहणकाल में लोगों ने स्नानोपरांत जप, पाठ होम आदि से मंत्रों को सिद्ध किया। साथ ही भगवान के नाम का जाप करते हुए भजन कीर्तन किया। वहीं ग्रहण मोक्ष होने पर पुन: स्नान व शुद्र के नाम से दान करने के पश्चात आचार्य, गुरू व पुरोहितों के नाम से दान किया। आचार्य ने बताया कि ग्रहण का सूतक काल ब्रह्म मुहूर्त में तकरीबन 4:30 बजे ही शुरू हो गया था।