परवेज अख्तर/सिवान: शारदीय नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा अर्चना विधि विधानपूर्वक की गई। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि मंगलवार को नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। इसके बाद पंडालों व मंदिरों में हवन को भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। ऐसी मान्यता है नवमी को मां की पूजा और हवन आदि का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से सालभर घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है, इसलिए मां दुर्गा की नवरात्रि में पूजा काफी फलदायी माना जाता है। विशेषकर नवमी की पूजा का कल्याणकारी महत्व है। इसके बाद उपासक पारण कर अन्न जल ग्रहण कर सकते हैं। इस दौरान नगर के महादेवा रोड स्थित दुर्गा मंदिर, कचहरी रोड स्थित काली मंदिर, गांधी मैदान स्थित बुढ़िया माई मंदिर, सुदर्शन चौक स्थित दुर्गा मंदिर, शेखर सिनेमा स्थित संतोषी माता मंदिर, डीएवी मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न मंदिरों में हवन आदि की जाएगी।
तिल का भोग लगाएं माता को :
आचार्य ने बताया कि देवी सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। इस दिन जो भक्त विधि-विधान और पूरी निष्ठा के साथ मां की पूजा करते हैं उन्हें सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाना शुभकारी होगा। ऐसा करने से जीवन में आने वाली परेशानियों से बचाव होगा। मां की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में करना उत्तम होता है।
कुंवारी पूजन का होता है विशेष महत्व :
नवरात्रि में कन्या पूजन करने से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याएं खत्म हो जाती है। मां दुर्गा भी प्रसन्न होकर भक्त की मनोकामना पूरी कर देती हैं। धर्म शास्त्र के अनुसार नवरात्रि में छोटी कन्या जो अव्यक्त ऊर्जा की प्रतीक होती है। जिनकी पूजा करने से सारे ब्रह्मांड की देवशक्तियों का आशीर्वाद मिलने लगता है।
हवन कर उपासक कर सकेंगे अन्न-जल ग्रहण :
मंगलवार को नवमी के दिन मंदिरों सहित पूजा पंडालों में हवन का कार्य किया जाएगा। हवन के बाद कुंवारी पूजन कर उपासक पारण कर अन्न जल ग्रहण कर सकते हैं।