✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
मां दुर्गा का आठवां स्वरुप महागौरी है। नवरात्रि के आठवें दिन रविवार को मां महागौरी की पूजा अर्चना की जाएगी। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि देवी मां के आठवें स्वरूप को महागौरी के नाम से पुकारा जाता है। वैसे तो कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन करते हैं, लेकिन कहा जाता है कि अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना ज्यादा फलदायी रहता है। मां महागौरी की पूजा करने से मन पवित्र हो जाता है और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि मां की कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। देवी महागौरी का अत्यंत गौर वर्ण हैं। इनके वस्त्र और आभूषण सफेद हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। महागौरी का वाहन बैल है। देवी के दाहिने ओर के ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है। आचार्य ने बताया कि भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए इन्होंने कठोर तपस्या की थी। इस दिन मां की पूजा करने से मनचाहे जीवनसाथी की मुराद पूरी होती है। मां की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है।
इस मंत्र का करें जाप :
श्वेते वृषे समारुढ़ा, श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोदया।। मंत्र का जाप करने से भक्तों का मन पवित्र हो जाता है और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ऐसे करें पूजा :
महागौरी की पूजा में नारियल, हलवा, पूड़ी और सब्जी का भोग लगाया जाता है। काले चने का प्रसाद विशेष रूप से बनाया जाता है और मां को चढ़ाया जाता है।