परवेज अख्तर/सिवान: माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने व दान पुण्य करने के लिए श्रद्धालुओं को एक दिन मिलेगा। 21 जनवरी को मौनी अमावस्या पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में डुबकी लगाएंगे। साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण करेंगे। वहीं कई लोग आत्मशुद्धि के लिए मौन साधना भी करेंगे। मान्यता है कि इस दिन किए गंगा स्नान से अमृत स्नान के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है और सारे पाप धुल जाते हैं।
इस अमावस्या पर स्नान, दान, तर्पण और पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि इस दिन मौन साधना करने से आत्मबल मिलता है। वहीं मन भी निर्मल हो जाता है। मन और आत्मा की शुद्धि के लिए मौन व्रत रखना उत्तम होता है। मौन व्रत रखने से इंद्रियों को वश में करने की क्षमता बढ़ती है। साधक को अपनी सामर्थ्य के अनुसार इस दिन मौन साधना करनी चाहिए।