- जलजमाव का तत्काल करें सामाधान,सरकारी नाला पर अतिक्रमण से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न
- आपदा, ओलावृष्टि व विकास कार्यों की हुई समीक्षा
- अतिक्रमण करने से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होती है
परवेज अख्तर/सिवान: कलेक्ट्रेट के सभागार में पर्यटन व जिले के प्रभारी मंत्री नारायण प्रसाद की अध्यक्षता में मंगलवार को आपदा, ओलावृष्टि व विकास कार्यों की समीक्षा की गई। मंत्री ने जलजमाव के तत्काल समाधान का निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी नाला पर अतिक्रमण करने से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होती है। इस कारण से घर, सड़क, फसल व खेत क्षतिग्रस्त हो रही है। महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल ने सुझाव दिया कि कुछ पंचायतों को छोड़कर सीवान आपदा रहित होने की दिशा में अग्रसर है। फसल क्षति होने पर किसानों से पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्राप्त कर समय से लाभ पहुंचाने की बात कही। सांसद ने कहा कि पूर्व में प्रभावित शेष बचे किसानों को क्षतिपूर्ति का लाभ जल्द ही देना सुनिश्चित किया जाए। सांसद ने 17 सितंबर को वैक्सीनेशन महाभियान की चर्चा करते हुए कहा कि करीब 30 लाख टीकाकरण के क्रम में सीवान को वैक्सीनयुक्त व कोरोनामुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सीवान सदर के विधायक अवध बिहारी चौधरी, एमएलसी विरेन्द्र नारायण यादव, सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा, वरीय उप समाहर्ता सह डीपीआरओ अनुराधा कुमार किशोर थीं।
क्षतिग्रस्त फसल का लाभ देना करें सुनिश्चित : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूर्व में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसल की बुआई का लाभ बुआई के बाद देने का निर्देश दिया है। लेकिन अतिवृष्टि से उत्पन्न जलजमाव के कारण कुछ क्षेत्रों में बुआई ही नहीं हो पाती है। स्वास्थ्य मंत्री ने इनका भी आकलन कर क्षतिग्रस्त फसल का लाभ देना सुनिश्चित करने की बात कही। कहा कि 17 सितंबर को शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए महाअभियान निर्धारित है। सुरक्षा चक्र के लिए जरूरी है कि सीवान समेत राज्यभर के नागरिक को टीका जरूर लगा दिया जाए।
डीएम ने प्रजेंटेशन के माध्यम से दी अद्यतन जानकारी
आपदा, बाढ़-सुरक्षा व विकास कार्यों से संबंधित अब-तक की उपलब्धी के संदर्भ में डीएम अमित कुमार पांडेय ने प्रजेंटेशन के माध्यम से अद्यतन जानकारी दी। डीएम ने बताया कि सारण तटबंध टूटने से जिले के बड़हरिया, गोरेयाकोठी, बसंतपुर, लकड़ी नबीगंज व भगवानपुर हाट प्रखंड प्रभावित होते हैं। वहीं सरयू घाघरा नदी की वजह से गुठनी, दरौली व सिसवन प्रखंड प्रभावित होते हैं। डीएम ने बताया कि इसे लेकर प्रशासनिक तैयारी की गई है। 8 सरकारी नाव, 75 निजी नाव, 10 मोटरबोट, 16681 पॉलीथिन शीट12945 वेयरहाउस, दो महाजाल, 443 लाइफ जैकेट, 160 प्रशिक्षित गोताखोर, ,222 खोज व राहत बचाव दल समेत 212 शरण स्थलों का स्थायी इंतजाम किया गया है। जिले में अनुमानित फसल क्षति खरीफ वर्ष 2021 में 637 हेक्टेयर है। सितंबर में वर्षापात की कमी होती है तो सिंचाई की सुविधा बाल्मिकी नगर बराज से उपलब्ध करायी जायेगी।