परवेज अख्तर/सिवान: वरीय अधिवक्ता उपेंद्र सिंह के असामयिक निधन की सूचना पर पूरे कोर्ट परिसर में शोक की लहर दौड़ गई । उपेंद्र सिंह वरीय अधिवक्ता थे तथा और फौजदारी के साथ-साथ दीवानी के भी अच्छी जानकारी रखते थे। साथ ही वे अधिवक्ताओं के संघर्ष के लिए पहली पंक्ति में खड़ा रहते थे। अधिवक्ताओं के हित से जुड़े सभी मामलों में संघर्ष के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। वे विगत कुछ वर्षों से कैंसर की बीमारी से ग्रसित थे। बावजूद अद्म्य इच्छाशक्ति के बल पर अपने कार्य का निर्वहन कर रहे थे। उनकी किडनी भी अब काम नहीं कर रही थी।
कुछ दिनों से वे कचहरी नहीं आ रहे थे। इसी क्रम में रविवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। परंपरा का निर्वहन करते हुए अधिवक्ताओं ने सोमवार को न्यायिक कार्य से अलग रखते हुए कोई कार्य नहीं किया। संघ भवन में अध्यक्ष शंभू दत्त शुक्ला की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस मौके दो मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। संघ सचिव प्रेम कुमार सिंह ने अधिवक्ता उपेंद्र सिंह के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र एवं एक पुत्री को छोड़कर गए हैं।