सिवान: जिले में डेंगू मरीजों की संख्या हुई 17, पांच का एक्टिव मरीजों का चल रहा इलाज

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परवेज अख्तर/सिवान: राज्य स्तर से मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य विभाग) के द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डेंगू की रोकथाम को लेकर की गई तैयारियों के संबंध में बैठक/समीक्षा की गई। इस दौरान जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने जिले में आवश्यक डेंगू बेड, कीट तथा एक्टिव डेंगू के मरीजों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि जिले में डेंगू के कुल 17 मरीजों की पुष्टि की गई है। इसमें से 12 मरीजों का उपचार किया जा चुका है, जो स्वस्थ्य हैं। जबकि शेष बचे पांच एक्टिव डेंगू मरीजों का विशेष देखरेख में उपचार किया जा रहा है। बताया कि जिले में कुल एनएसआई किट उपलब्धता 316. एनएसआई एलिजा किट की उपलब्धता 341 तथा कुल डेडिकेटेड बेड की उपलब्धता 62 है, मच्छरदानी सहित है। बैठक में उपस्थित सभी संबंधित पदाधिकारियों को जिलाधिकारी ने आवश्यक तैयारी को लेकर जैसे-साफ-सफाई के साथ साथ चिह्नित स्थानों पर फागिंग कराने एवं डेंगू से संबंधित लक्षणों की जानकारी से आमलोगों को अवगत कराने हेतु प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया।

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डेंगू के प्रमुख लक्षण :

जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. एमआर रंजन ने बताया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एंडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में काटता है तथा साफ एवं स्थिर पानी में इसका लार्वा पनपता है। इसके प्रारंभिक लक्ष्ण में तेज बुखार बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा आखों के पीछे दर्द का होना नाक मसुडो आदि से उल्टी के साथ रक्त का ग्राव होना, त्वचा पर लाल घने/चकते का निशान होने के साथ साथ काला पैखाना होना आदि इसके लक्षण पाए जाते हैं।

घर के आसपास एकत्रित ना होने दें पानी :

डेंगू से बचाव हेतु निम्न उपाय-घर के आसपास पानी एकत्रित ना होने दे एवं साफ-सफाई का पुरा ध्यान रखें। दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। मच्छर भगाने वाली दवा/किम का प्रयोग करें। पुरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहनें और घर एवं सभी कमरों को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाए रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर एसी/फीज के पानी / पानी के टकी एवं घर के अंदर एवं आसपास में पानी एकत्रित ना होने दें। गमला फलदानी इत्यादि के पानी को हर दूसरे दिन बदलें। घर के आसपास एकत्रित पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक दवाओं को छिड़काव अवश्य करें तथा एकत्रित पानी में मिट्टी का तेल डालकर मच्छर के लार्वा को पनपने से रोके।