✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कलश स्थापना के साथ माता के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा-आराधना में भक्त लीन रहे। मंदिरों, पूजा समितियों के पंडालों और घरों में कलश स्थापना की गई और माता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का आह्वान किया गया। पंडितों व श्रद्धालुओं द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। जिले में अगले नौ दिनों तक शक्ति के विभिन्न रूपों की उपासना की जाएगी। महादेवा स्थित दुर्गा मंदिर, कचहरी रोड स्थित काली मंदिर, गांधी मैदान स्थित बुढ़िया माई के मंदिर, डीएवी मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर, सुदर्शन चौक स्थित दुर्गा मंदिर समेत जिला मुख्यालय व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित तमाम मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।
मां शैलपुत्री की पूजा कर की गई सुख समृद्धि की कामना
पहले दिन शक्तिस्वरुपा देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में प्रथम शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना के साथ भक्तों ने उपवास रखा। घरों में माता रानी की चौकी स्थापित कर दुर्गा मां की पूजा अर्चना की। इस दौरान घंटे घड़ियाल, शंख, जयकारे व भक्ति गीत गूंजने से माहौल भक्ति मय बना रहा। शाम के समय मंदिर व घरों में महिलाओं ने भजन कीर्तन कर मां की महिमा का गुणगान किया। इस स्वरूप में माता वृषभ पर आरूढ़ होती हैं। उनके एक हाथ में त्रिशूल जबकि दूसरे हाथ में कमल पुष्प सुशोभित होता है।