परवेज अख्तर/सिवान: भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना के रूप में मनाए जाने वाले सावन मास की सातवें सोमवारी को लेकर मंदिरों में विशेष तैयारी की गई है। इसको लेकर मंदिर की सजावट एवं साफ-सफाई की गई है। वहीं मंदिर परिसर में पूजा सामग्री समेत अन्य सामग्रियों की दुकानें सज गई हैं। सोमवारी के साथ नागपंचमी होने के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा के साथ नागदेवता की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना करेंगे। इस दौरान शिवालयों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन व मंदिर समिति के सदस्य भी सक्रिय हैं। महादेवा पंचमुखी शिव मंदिर के पुजारी आचार्य वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि सावन की सोमवारी के दिन नाग पंचमी होने के कारण इस दिन का अधिक महत्व बढ़ जाता है। आज के दिन शिवजी तथा नाग बाबा की पूजा करने से व्यक्ति को धन-जन व सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इंसान को सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही सभी पर बाबा की कृपा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि नाग बाबा सृष्टि का भार उठाते हैं तथा भगवान शिव के गले में विराजते हैं। इस दिन दुग्धाभिषेक करने से भगवान शिव व नागा बाबा काफी प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
जानकारी के अनुसार शहर के महादेवा पंचमुखी शिवमंदिर, डाक बंगला रोड, फतेहपुर, स्टेशन रोड, मखदुम सराय, भावनाथ मंदिर, श्रीनगर समेत विभिन्न मंदिरों के अलावा ऐतिहासिक सिसवन के मेहंदार स्थित महेंद्रनाथ मंदिर, गुठनी के साेहागरा धाम स्थित बाबा हंसनाथ मंदिर, दरौली के चकरी स्थित योगाश्रम सिद्धपीठ मंदिर, जीरादेई के अकोल्ही स्थित अनंतधाम मंदिर, ठेपहां के गौरीशंकर मंदिर, मैरवा के हरिराम ब्रह्म मंदिर, रघुनाथपुर के जटहवा बाबा मंदिर, गंभीरार के रत्न बाबा मंदिर, बसंतपुर के लालबाबा मंदिर, भगवानपुर हाट के खैरवा शिवमंदिर, दारौंदा के रुकुंदीपुर स्थित दशानंद मंदिर, भीखाबांध शिव मंदिर, बगौरा स्थित गौरीशंकर बाबा शिव मंदिर के अलावा महाराजगंज, लकड़ी नबीगंज, गोरेयाकोठी, हसनपुरा, हुसैनगंज, पचरुखी, हसनपुरा, बड़हरिया, गोरेयाकोठी, आंदर, नौतन, दरौली आदि मंदिरों में की साफ-सफाई व आकर्षक ढंग से सजावट की गई है। यहां शिव भक्त जलाभिषेक कर पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करेंगे। मंदिरों से लेकर घर में हर-हर महादेव एवं हर-हर, बम-बम का जयघोष होगा। सभी मंदिरों में जलाभिषेक के साथ ही संध्या बेला में शृंगार एवं महाआरती की व्यवस्था की गई है।