- एआईबीईए व एआईबीओए के आह्वान पर कर्मियों की हड़ताल
- आवश्यकता पड़ी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे कर्मी
- 14 रिजनल कार्यालय की 1032 बैंक शाखा में कामकाज ठप
परवेज अख्तर/सिवान: उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक इम्पलाईज व ऑफिसर फेडरेशन के सदस्य एआईबीइए, एआईबीओए, एआईजीबीईए व एआईजीबीओए के आह्वान पर सोमवार को हड़ताल हुई। इस दौरान उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर हड़ताली बैंककर्मियों ने धरना-प्रदर्शन किया। हड़ताल में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय सहित सभी 14 रिजनल कार्यालय की 1032 शाखाएं बंद रहीं। इससे बैंक को करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इधर, धरना स्थल पर हड़ताली साथियों की संयुक्त आम सभा की अध्यक्षता कर रहे शिवशंकर प्रसाद यादव उपाध्यक्ष उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक आफिसर्स फेडरेशन ने कहा कि हमारी मांगें सरकार नहीं मानती तो आन्दोलन को और उग्र किया जा सकता है। आवश्यकता पड़ी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे। सहायक महासचिव उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक ऑफिसर फेडरेशन के कामेश्वर राय ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार चार राज्यों के चुनाव में सफलता मिलने पर मदांध होकर सार्वजनिक उपक्रमों को निजी करने पर आमादा है। कैबिनेट में सेन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया व इन्डियन ओवरसिज बैंक का निजीकरण करने का प्रस्ताव लाई है। बड़े कॉरपोरेट घरानों द्वारा लिए गए ऋण वसूली करने में कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं कर रही है। इधर पूरे जिले के डाककर्मी भी हड़ताल पर रहे जिससे डाकघरों में ताले लटके रहे। बता दे कि मंगलवार को बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे। हालांकि ट्रेड यूनियन से जुड़े कर्मियों की हड़ताल में स्टेट बैंक व पीएनबी के कर्मी शामिल नहीं हैं।
कर्मचारियों मे फूट डालने का कुत्सित प्रयास
बैंक में जमाकर्ताओं के जमा पर ब्याज की कटौती की जा रही है। इसका सीधा लाभ कॉरपोरेट घरानों को उनके ऋण को माफ कर मिल रहा है। इन बैंकों के निजीकरण में जाने से ग्रामीण बैंकों पर दुष्प्रभाव पड़ना लाजिमी है। भारत सरकार एलआईसी व बैंक मे महंगाई भत्ता में विसंगति कर कर्मचारियों में फूट डालने का कुत्सित प्रयास कर रही है। जिसे बैंककर्मी सहन नहीं कर सकता। जनहित में ग्रामीण बैंकों का प्रवर्तक बैंकों में विलय किया जाय। नयी पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, पेंशन अपडेशन, 5 दिन का बैंकिंग सप्ताह लागू करने, अनुकम्पा आधारित नौकरी सभी कॉमर्शियल बैंकों में लागू हो गया लेकिन ग्रामीण बैंक में आश्रित दर-दर के ठोकर खा रहे हैं।
एटीएम बंद होने से लोगों को हुई असुविधा
जिले में बैंक कर्मियों के हड़ताल का असर आम लोगों पर दिखाई दिया। उनको शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लगे एटीएम भी बंद होने से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जिले में दर्जनों एटीएम मशीनों में ताला लगा हुआ था तो कई जगहों पर कैश खत्म हो गया था। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों को वापस लौट कर जाना पड़ा।