✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
बिजली विभाग का स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं की संतुष्ट नहीं कर पा रहा है, जिसकी वजह से लोग इस मीटर को लगाने से दूर भाग रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र में 34 हजार उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड लगाया जाना था, लेकिन अबतक 11 हजार 272 मीटर ही लगाए जा सके हैं। वहीं लोगों में जागरुकता का आभाव देखते हुए विभाग इसकी खूबियों को लेकर कई तरह के प्रचार-प्रसार कर रहा है, मगर उपभोक्ताओं का आरोप है यह मीटर तेज चलता है। जिसकी वजह से पहले के मीटर की अपेक्षा यह अधिक खर्चीला साबित हो रहा है। इसके कारण उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। शहर में ऐसे कई बिजली घरेलू उपभोक्ता मिले, जिन्होंने बताया कि पहले जिस मीटर से महीने का बिल चार से पांच सौ रुपये महीने का आता था, मगर स्मार्ट मीटर लगाने पर यह डेढ़ से दो-गुना बढ़ गया है।
मीटर लगवाने में आनाकानी कर रहे उपभोक्ता :
शहर में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर कई जगह उपभोक्ता आनाकानी कर रहे हैं। स्मार्ट मीटर का उपभोक्ताओं द्वारा विरोध हो रहा है। इसके पीछे यह धारणा है कि स्मार्ट मीटर लगते ही बिजली का बिल अधिक आने लगता है । शहर के जिन उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा है, उनमें कुछ लोग संतुष्ट तो कुछ लोग असंतुष्ट दिख रहे हैं।
जो विरोध करेंगे उसका कनेक्शन कटेगा :
हर घर में स्मार्ट बिजली मीटर लगाना अनिवार्य है। वैसे उपभोक्ता जो स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध करेंगे, उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। जो उपभोक्ता बिजली के काम में बाधा पहुंचाते हैं, उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जा सकता है। बिजली कंपनी को नए मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से सहमति लेने की आवश्यकता नहीं है। कंपनी अपने अनुसार हर घर में स्मार्ट मीटर लगा सकती है।
कहते हैं अधिकारी :
शहरी क्षेत्र में 34 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है। अभी तक 11 हजार 272 मीटर लगा चुका है। हर घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य है। वैसे उपभोक्ता जो स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध करेंगे, उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।
चंदन कुमार सिन्हा, कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग