परवेज अख्तर/सिवान: अपराध रोकने में विफल रही पुलिस उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक से 26 लाख रुपए लूटने वाले लुटेरों को नहीं ढूढ़ पाई है। हालांकि एसपी शैलेश कुमार सिन्हा खुद लूटकांड का जल्द पर्दाफाश करने को लेकर तत्पर है। बावजूद इसके घटना के तीसरे दिन भी पुलिस के हाथ खाली हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के तेजर्रार व अनुभवी पुलिस पदाधिकारियों की तीन विशेष टीमें बनायी गयी हैं जो घटना से जुड़े अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए दिन रात छापेमारी कर रही हैं। एक पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि जिले में वर्षो से जमे सेकेंड लाइन के अफसरों के ढ़ीलापन ने एसपी के माथे पर चिन्ता की लकीरें खींच दी है।
एसपी को खुद दिन रात भागदौड़ करनी पड़ रही हैं क्योंकि सेकेंड लाइन वाले अफसरों का इलाके में कोई पकड़ नहीं है। इधर नगर पुलिस का भी वही हाल है। घटना के पर्दाफाश करने को लेकर लूटकांड से जुड़े पुराने अपराधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर असली अपराधियों तक पुलिस पहुंचना चाहती है। लेकिन सफलता हाथ नहीं लग पा रही है। इतना ही नहीं पुराने लूटकांड से जुड़े जिले के सभी अपराधियों की कुंडली व वर्तमान लोकेशन भी पुलिस खंगालने में जुटी है। पुलिस को संदेह था कि पांच दिनों पहले ही मंडल कारा से बाहर निकला जिला मुख्यालय का एक अपराधी, इस कांड में शामिल हो सकता है और उसकी गिरफ्तारी कांड के पर्दाफाश के लिए अहम हो सकती है। लेकिन पता करने पर पाया कि कई दिनों पहले से ही वह दूसरे प्रदेश में है।
फुटेज में दिख रहे अपराधियों की पहचान आसान नहीं
बताया जाता है कि सीसीटीबी फुटेज में दिख रहे अपराधियों की पहचान कर पाना पुलिस के लिए आसान नहीं है। कारण कि अपराधियों की उम्र काफी कम है और इस तरह के अपराधियों ने इससे पहले जिले में बड़ी लूट की घटना को अंजाम नहीं दिया है।