परवेज अख्तर/सीवान:
रहमतों की बारिश और गुनाहों से छुटकारे की रात शब-ए-बरात मंगलवार की शाम (मगरिब नमाज) से सुबह सादिक तक लोगों ने जिक्र-ए-इलाही, इबादत, दुआ, जियारत व पूर्वजों को याद करने में गुजारी। इस दौरान गुनाहों से निजात की रात में लोगों ने रो-रोकर खुदा पाक से अपने व अपने पूर्वजों के गुनाहों की माफी मांगी। शब-ए-कद्र की इस रात शहर में अलग ही रौनक देखने को मिली। एशां की नमाज के बाद लोगों ने कब्रिस्तान जाकर अपने पुरखों की मजारों पर शमा रौशन की। दरगाहों पर फातिहा पढ़ने और तिलावत का सिलसिला भी रात भर जारी रहा। मस्जिदों में नफिल नमाजें अदा की गईं। मुस्लिम इलाकों में कई जगहों पर जलसे हुए, इसमें उलेमा ने तकरीर में शब-ए-बरात की फजीलतों का बयान किया।
दरगाहों व कब्रिस्तानों पर पढ़ी गई फातिहा :
शहर स्थित बड़ी मस्जिद, दरबार मस्जिद, ग्यारहवीं शरीफ मस्जिद, नया किला मस्जिद, दक्खिन टोला स्थित मस्जिद, श्रीनगर स्थित मस्जिद, सदर प्रखंड के खालिसपुर स्थित मस्जिद, मौला नगर स्थित मस्जिद समेत तमाम मुस्लिम इलाकों की मस्जिदें रौशनी से जगमग रहीं। साथ ही मजारों पर फूलों की चादरें भी चढ़ाई गईं। वहीं मौला नगर स्थित कब्रिस्तान, शेख मोहल्ला स्थित मिरचाई शाह दरगाह, इस्माइल शहीद, चमड़ा मंडी, पुराना किला पोखरा, नवलपुर स्थित करबला, श्रीनगर स्थित कब्रिस्तान, लखरांव स्थित कब्रिस्तान समेत सभी दरगाहों व कब्रिस्तानों पर लोगों ने फातिहा पढ़ी। इस दौरान कब्रिस्तान जियारत करने वालों से गुलजार नजर आए। लोगों ने अपने पूर्वजों को याद किया उनके नाम पर गरीबों को खाना खिलाया। साथ ही अपने पूर्वजों के लिए फातिहा पढ़कर सामूहिक इबादत के बाद दुआख्वानी भी की तथा अपने गुनाहों के लिए माफी मांगी। इस दौरान घरों से तिलावत की सदाएं भी आती रहीं। महिलाओं ने भी नफिल नमाजें अदा कीं। बच्चों ने भी रातभर जागकर इबादत की।