- नियमों को ताक पर रखकर करते हैं एंबुलेंस का संचालन
- मरीजों व उनके स्वजनों का करते हैं आर्थिक शोषण
परवेज अख्तर/सिवान: जिले में एंबुलेंस की बाढ़ सी आ गई है। सरकारी को छोड़ दें तो निजी एंबुलेंस मानकों को पूरा नहीं कर रही हैं। बिना मानक पूरा किए ही यह रोगियों को ले जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की है और ना ही परिवहन विभाग ने इनके विरुद्ध कोई अभियान चलाया है। जिले में फर्राटा भर रही एंबुलेंस में अधिकांश में न तो चिकित्सा संबंधी जरूरी उपकरण है और न ही सुरक्षा के इंतजाम। इसमें न एसी है और न आक्सीजन। इन निजी एंबुलेंसों का कब्जा शहर के सदर अस्पताल व निजी अस्पतालों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक है।
सदर अस्पताल गेट के पास इस तरह की निजी एंबुलेंसों की लाइन लगी रहती है। नीली बत्ती और हूटर लगाकर फर्राटा भर रही इन एंबुलेंस में मरीज की जान को खतरा रहता है। परिवहन विभाग द्वारा इन एंबुलेंसों का किराया भी निर्धारित नहीं किया गया है। इसका फायदा उठाकर चालक मनमाना किराया वसूलते हैं। बता दें कि एंबुलेंस संचालन के निर्धारित मानक के अुनसार एंबुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल किट, एसी, आक्सीजन सिलेंडर आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार भट्ट का कहना है कि इस तरह की एंबुलेंस की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। —