- अधिकतर दुकानों में नियम ताक पर
- बाजारों में लगी आग तो हांफेगा विभाग
✍️परवेज़ अख्तर/एडिटर इन चीफ:
गर्मी आने के साथ ही अगलगी की घटना में वृद्धि होने की संभावना बढ़ जाती है। अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए अग्निशमन विभाग द्वारा फायर सेफ्टी सिस्टम को लगाने का निर्देश दिया जाता है लेकिन शहर के बाजारों में दुकानदार दो वक्त की रोटी की जुगाड़ में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। यहां स्थित अधिकतर दुकानों में फायर सेफ्टी सिस्टम की अनदेखी की जा रही है। इस कारण अगर अगलगी की घटना पर विभाग तो हांफेता ही है, दुकानदारों को भी काफी जानमाल की क्षति होती है। वहीं कई बार अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन दुकानदार घटना के बाद कुछ दिनों के लिए सचेत होते हैं और समय के साथ सुरक्षा नियमों को भूल जाते हैं। बता दें कि शहर के बीचोबीच स्थित कई बाजार में दुकानें काफी संकीर्ण हैं और यहां से गुजरी सड़क पर अतिक्रमण के कारण लोगों को आने जाने में काफी परेशानी होती है। ऐसे में अगर अगलगी की घटना हो गई तो जानमाल की क्षति से इनकार नहीं किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर शहर की तंग-संकरी गलियों में व्यवसायिक इमारतें, स्टोर व लाखों की संख्या में लोग बसे हैं। रोजाना ही हजारों की संख्या में लोग इन बाजारों व दुकानों में खरीदारी व अन्य कार्यों के लिए पहुंचते हैं। अगर इन बाजारों में आग लगा गई तो अग्निशमन कर्मियों का आग से उठे धुओं के गुब्बारों में दम फुलने लगेगा। फायर सेफ्टी एक्ट के हिसाब शहर का बाजार बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।
शहर के ये बाजार जहां है सबसे ज्यादा खतरा
तेलहट्टा बाजार, गल्ला मंडी, शहीद सराय, थाना रोड ऐसे मुख्य बाजार हैं जहां अक्सर हजारों की तादाद में लोगों की भीड़ एकत्रित रहती है और यहां हजारों की संख्या में दुकानें हैं। यहां अगलगी की घटनाओं के बाद दमकल को आने में तो परेशानी होती है। ऐसे में यहां सबसे ज्यादा जानमाल के नुकसान का डर बना रहता है।