परवेज अख्तर/सिवान: पशुओं को गंभीर रूप से बीमार करने वाले लंपी वायरस (लंपी स्किन डिसीज) को लेकर जिला में अलर्ट जारी कर दिया गया है। गोवंशी की निगरानी पशुपालन विभाग की ओर से शुरू कर दी गई है। पशु चिकित्सकों और पशुपालकों को इस वायरस के बारे में जानकारी दी जा रही है। फिलहाल जिला में पशुओं में ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन विभाग के कर्मी और चिकित्सक लगातार पशुपालकों से संपर्क किया जा रहे हैं। यदि कहीं किसी पशु में लंपी वायरस के लक्षण नजर आते हैं तो इसकी जानकारी तत्काल पशुपालन विभाग को उपलब्ध कराएं जाने के लिए पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है।
क्या है लंपी वायरस के लक्षण
विभाग से मिली जानकारी अनुसार एलएसडी (लंपी स्किन डिसीज) पशुओं को होने वाली एक वायरल बीमारी है। ये पॉक्स वायरस से मवेशियों में फैलती है। यह बीमारी मच्छर और मक्खी के जरिए एक से दूसरे पशुओं में फैलती है। इस बीमारी के लक्षणों में पशु के शरीर पर छोटी-छोटी गठानें बन जाती हैं, जो गांठों में बदल जाती है। पशु के शरीर पर जख्म नजर आने लगते हैं। पशु खाना कम कर देता है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। पशु की मौत भी हो सकती है। इस बीमारी की शुरुआत में पशु को बुखार रहता है।
लंपी वायरस का इलाज
अभी तक इस बीमारी के लिए कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है। पशुओं में बीमारी फैलने पर उन्हें प्रथक रखने की सलाह दी जाती है। भारत में इस वायरस के लिए पशुओं के गोट पाक्स वैक्सीन की डोज दी जा रही है।
कहते हैं अधिकारी
लंपी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए पूरे जिले में निगरानी शुरू हो गई है। पशुपालकों को इस बीमारी के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। जिला में पशुओं में लंपी वायरस का ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया है।