परवेज अख्तर/सिवान: व्यवहार न्यायालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों ने प्रदेश कर्मचारी संघ के आह्वान पर दूसरे दिन गुरुवार को भी बिल्ला लगाकर अपना कार्य करते हुए सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। बिहार राज व्यवहार न्यायालय कर्मी संघ के आह्वान पर चार दिवसीय आंदोलन आरंभ हुआ है। कर्मचारियों के प्रतिनिधि सह उपाध्यक्ष रंजय कुमार ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि उनके मुख्य मांगों में कार्य क्षमता के अनुसार एवं स्नातक योग्यता को ध्यान में रखते हुए प्रमोशन देना, शेट्टी कमीशन को हूबहू लागू करना, अनुकंपा पर नियुक्ति करना, कर्मचारी संघ के नेताओं को प्रताड़ित नहीं करना आदि शामिल थीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आश्वस्त किया था कि 2017 में पारित शेट्टी कमीशन को वह लागू करेगी, लेकिन समय-समय पर कोई ना कोई बहाना बनाकर सरकार इसे टालती गई तथा अब 2022 में शेट्टी कमीशन को पाश्चात्य में रखने के लिए एक न नया नियम सरकार लाई है जो स्वीकार नहीं है।
नए नियम के आधार पर सरकार की मंशा है कि वे किसी तरह कर्मचारियों को गुमराह कर उनकी आवश्यक मांगों को पूरा नहीं करें। रंजय कुमार ने सांकेतिक विरोध के माध्यम से सरकार को याद दिलाने की कोशिश की कि अगर सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है तो भविष्य में कर्मचारियों द्वारा कड़ा विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस अवसर पर संदीप कुमार, भानु प्रताप सिंह, नीरज कुमार, अजित कुमार, राहुल कुमार, नवीन कुमार, अमरेश कुमार, बृजेंद्र सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। पूरे प्रदेश में व्यवहार न्यायालय में कार्यरत कर्मचारियों का सांकेतिक प्रदर्शन एक फरवरी से लेकर चार फरवरी तक जारी रहेगा।