✍️परवेज अख्तर/सिवान: प्रदेश में शिक्षकों की बहाली 2023 के नियमावली के विरोध में शिक्षकों में आक्रोश देखा गया है। इसके विरोध में शिक्षक सरकार के विरुद्ध सड़क पर उतर प्रदर्शन करने लगे तथा सरकार से इस नियमावली को वापस लेने की मांग पर अड़ गए। जानकारी के अनुसार शहर गांधी में इस नियमावली के विरोध में जिले के नियोजित शिक्षकों ने रैली निकाली। रैली गांधी मैदान आरंभ होकर अस्पताल रोड, आंबेडकर चौक होते हुए अनुमंडल कार्यालय पहुंची तथा अनुमंडल पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपी। प्रदेश अध्यक्ष मंगल कुमार साह ने कहा कि 2023 के नियमावली को सरकार द्वारा रद की जाए, नहीं तो हमारे बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक सड़क पर उतरेंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान सरकार का पुरजोर विरोध करेंगे।
इस मौके पर शिक्षक नेता अमरेंद्र प्रसाद, महेश कुमार प्रभात, रजनीकांत सिंह आदि उपस्थित थे। वहीं लकड़ी नबीगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी परिसर में मंगलवार काे बिहार राज्य शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रखंड के सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं ने सरकार द्वारा पारित शिक्षक नियमावली 2023 की प्रति को जलाते हुए विरोध प्रकट किया गया और सरकार को स्पष्ट संदेश दिया गया कि शिक्षकों के साथ जुल्म करना बंद करें। शिक्षकों ने शिक्षक बहाली से संबंधित कैबिनेट में लिए गए इस निर्णय को गलत व निराधार बताया। शिक्षकों का कहना है कि इसके लिए पूरे बिहार के शिक्षक एक सूत्र में आकर अपनी चट्टानी एकता के साथ सरकार को हटाने का कार्य करेंगे।
शिक्षकों ने नियमावली की प्रतियां जला का विरोध जताया। शिक्षकों का कहना है कि सरकार शिक्षक सेवा शर्त नियमावली 2023 यथाशीघ्र वापस ले एवं दूसरा नियमावली बनाकर समान काम समान वेतन राज्य कर्मी की दर्जा लागू करें, सरकार द्वारा लागू की गई जातीय जनगणना को भी शिक्षकों द्वारा स्पष्ट कहा गया कि सरकार अगर नियमावली को वापस नहीं लेती है तो कोई भी कार्य शिक्षक नहीं करेंगे। इस अवसर पर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजकिशोर राय, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हरिलाल यादव, सचिव काशिफ इसरार, संतोष कुमार सिंह, महासचिव संजीव कुमार, मोतीलाल प्रसाद, अमरावती कुमारी, कुमारी नीता कुमारी, गुलनाज शहजादी,अविनाश मिश्र आदि उपस्थित थे।