- रमजान के महीने में ही अल्लाह ने कुरान को आसमान से नीचे उतारा
- रमजान के महीने में की गई इबादतों का सवाब दूसरे महीनों के मुकाबले कई गुना ज्यादा मिलता है।
- ✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
पचरुखी प्रखंड के माहपुर गांव स्तिथ मस्जिद के खतिबों इमाम हाफिज मो.गुलाम जिलानी कादरी ने रमजानुल मुबारक़ पर फजीलत बयान करते हुए कहा कि रमजान इस्लाम के सबसे पाक महीनों में शुमार है।हर मुसलमान की जिंदगी में रमजान के महीने की बेहद अहमियत होती है,क्योंकि इस महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं।रमजान के महीने में की गई इबादतों का सवाब दूसरे महीनों के मुकाबले कई गुना ज्यादा मिलता है। इस महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों की बरसात करता है। हर मुसलमान को रमजान के पाक माह का बेसब्री से इंतजार रहता है।रमजान के महीने में ही अल्लाह ने कुरान को आसमान से नीचे उतारा।जिसमें जीवन जीने के तरीके बताए गए हैं।रोजे की शुरुआत 2 हिजरी से हुई थी। हजरत मोहम्मद जब मक्का छोड़कर मदीना पहुंचे उसके एक साल बाद मुसलमानों को रोजा रखने का हुकुम आया। - कुरान की दूसरी आयत सूरह अल बकरा में रोजा को लेकर अल्लाह का हुक्म आया कि रोजा तुम पर उसी तरह फर्ज किया गया है।जैसे तुम से पहले लोगों पर फर्ज किया गया था।रोजा रखने का मकसद स्वयं के अंदर झांकने का मौका होता है। वह अपनी बुराइयों को दूर करता है।और एक नेक इंसान बनने के लिए इबादत करता है।नेक बंदों पर ही खुदा की रहमत और बरकत होती है।खतिबों इमाम हाफिज मो.गुलाम जिलानी कादरी ने कहा कि पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लाल्लाहु अलैहे व सल्लम ने फरमाया है कि जब रमजान का महीना आता है तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते है, और जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।शैतान को जकड़ दिया जाता है।