✍️परवेज अख्तर/सिवान: भारतीय धर्म, संस्कृति और समाज के संरक्षण एवं विकास में शिक्षकों ने जो त्याग और समर्पण किया है। उसके प्रति संपूर्ण राष्ट्र अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता है। उक्त बातें गुरु गोविंद सिंह की जयंती के अवसर पर मालवीय नगर स्थित अपने आवास पर आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान अखिल भारतीय विद्या भारती के पूर्व महासचिव सह भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रमेंद्र राय ने कही। उन्होंने कहा कि सशक्त राष्ट्र का निर्माण श्रेष्ठ शिक्षकों के द्वारा हो सकता है। शिक्षक श्रेष्ठ होंगे, तो हमारी शिक्षा व्यवस्था सशक्त होगी।
इससे एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य अपने राष्ट्र की संस्कृति एवं उस पर आधारित मानव नवनिर्माण तथा विकास से है। प्रो. अशोक प्रियंबद व अधिवक्ता विजय पांडेय ने संयुक्त रूप से कहा कि आज के भौतिक परिवेश में शिक्षक अपने को कमजोर समझ रहा है, लेकिन इसके लिए हमे निराश होने के बजाए इसकी जवाबदेही खुद पर लेते हुए अपने अंदर के देवत्व के भावों को जागृत करते हुए राष्ट्र निर्माता के रूप में अपनी उत्कृष्ट पहचान को पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर डा. श्याम शंकर पांडेय, डा. अनिल राय, डा. मनीष कुमार सिंह, गणेश राय, अरविंद कुमार सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।