सिवान: गेहूं की लहलहाती फसल पर भारी पड़ रही यूरिया की किल्लत

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  • 02 दिनों में यूरिया की एक खेप आने की कही जा रही बात
  • 01 लाख 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है गेहूं की यहां बुआई

परवेज अख्तर/सिवान: जिले में पड़ रही ठंड और कुछ दिन पहले हुई बारिश से गेहूं की फसल खूब लहलहा रही है। लेकिन, इन लहलाती गेहूं की फसल पर यूरिया की किल्लत भारी पड़ रही है। जिले के अधिकतर हाट-बाजारों में यूरिया की किल्लत पिछले कई दिनों से बनी हुई है। इसे लेकर किसान काफी परेशान हैं। किसान गेहूं के खेत में नमी रहते यूरिया का प्रयोग करना चाह रहे हैं। लेकिन, बाजारों में यूरिया की किल्लत उन्हें चिंता में डाल दिया है। हालांकि, पिछले सप्ताह ही हर जगह यूरिया खाद उपलब्ध हुई थी। लेकिन, यूरिया की अत्याधिक मांग होने के कारण दुकानों में पहुंचते ही किसानों ने खरीद ली। जो किसान इसे लेने से चुक गए वे काफी परेशान हैं। किसी किसान को पहली तो किसी को दूसरी बार अपने खेत में यूरिया का प्रयोग करना है। मालूम हो कि जिले में 1 लाख 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुआई हुई है। इस हिसाब से किसानों को यूरिया खाद समय पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है। निखती खुर्द गांव के राजाराम साह ने कहा कि पिछले सप्ताह रघुनाथपुर और टारी बाजार में यूरिया खाद आई थी। इसकी जैसे ही मुझे जानकारी मिली, बाजार गया तो किसी भी दुकान में यूरिया एक छंटाक नहीं थी।

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मंगलवार को बाजारों में उपलब्ध हो जाएगी यूरिया

यूरिया खाद की किल्लत से परेशान किसानों को जिले के खुदरा और थोक विक्रेता आश्वासन दे रहे हैं कि मंगलवार को उन्हें उपलब्ध हो सकेगा। जिले में करीब सभी खुदरा दुकानों पर यूरिया उपलब्ध करायी जा रही है। सीवान में इसका रैक लगने जा रही है। हालांकि, विभागीय स्तर से इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। इधर, यूरिया की अधिक कीमत दुकानदारों द्वारा लिये जाने से भी किसान परेशान दिख रहे हैं। लेकिन, यूरिया की किल्लत बनी रहने से किसान चाहकर भी इसकी शिकायत नहीं कर पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए काफी अनुकूल है। ऐसी स्थिति में यूरिया समय पर डाल देना चाहिए। जब बालियां लगने लगेगी तो यूरिया का इस्तेमाल कर पाना संभव नहीं होगा। चुकी इससे पौधों के कुचलकर टूटने का डर रहता है।