सिवान : दिल्ली की सरहदों पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ नाराजगी जताते हुए किसानों को 3 हफ्तों से ज्यादा का समय गुजर चुका है. इस दौरान किसानों के समर्थन से जुड़ी कई कहानियां हमारे सामने आई हैं. बीते मंगलवार को ही संत बाबा राम सिंह ने किसानों के समर्थन में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. इसके अलावा विपक्ष के नेताओं के प्रदर्शनों में पहुंचने के कई किस्से सामने आए, लेकिन सिवान के एक बुजुर्ग सत्यदेव मांझी के समर्थन ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
सीवान के रहने वाले 60 साल के सत्यदेव मांझी ने किसानों को समर्थन देने के लिए टिकरी बॉर्डर तक का सफर साइकिल पर ही पूरा किया है. मांझी दिल्ली-हरियाणा की टिकरी सीमा पर मौजूद किसानों में शामिल होने के लिए 1000 किमी साइकिल से ही चल दिए थे. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें उनके गृह जिले सीवान से यहां पहुंचने में 11 दिन का समय लगा. उन्होंने सरकार से कानून वापस लेने की मांग की है.
मांझी बताते हैं कि मैंने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया है. खास बात है कि मांझी यहां किसान आंदोलन खत्म होने तक रुकने की बात कह रहे हैं. राजधानी दिल्ली से जुड़े कई राज्यों की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन बीते 26 नवंबर से जारी है. किसान लगातार सरकार से कानूनों को वापस लेने की अपील कर रहे हैं. हालांकि, किसानों को कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव दे चुकी सरकार भी कानून वापसी के लिए तैयार नहीं है.