✍️ परवेज अख्तर/सिवान: कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन और गौ-पूजा का विशेष महत्व है। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में गोवर्धन पूजा की तैयारी आरंभ हो गई। पूजा को ले युवतियों में काफी उत्साह देखा गया। मंगलवार की अल सुबह युवतियों ने पूजा स्थल की सफाई की। साथ ही गाय के गोबर लाकर उसका घर बनाया तथा उसमें गोवर्धन की प्रतिमा बनाई। उसमें बजरी के रूप में चना, मटर को रखा। इस दौरान गीतों से वातावरण गूंजायमान हो उठा। महिलाएं एवं युवतियां अपने भाइयों की दीर्घायु होने के लिए बुधवार की अल सुबह पूजा स्थल पर रेंगनी के कांटा से श्रापेंगी और पूजा स्थल पर पूजा करेंगी। इसके बाद बहनें अपने भाई को बजरी खिलाएं सुखमय जीवन का आशीर्वाद देंगी। वहीं भाई भी अपनी बहनों को सुरक्षा के संकल्प के साथ उन्हें उचित उपहार देंगे। जानकारी के अनुसार पूजा जिला मुख्यालय समेत महाराजगंज, दारौंदा, जीरादेई, बसंतपुर, लकड़ी नबीगंज, आंदर, तरवारा, पचरुखी, रघुनाथपुर, हुसैनगंज, गुठनी, मैरवा, दरौली, बड़हरिया, गोरेयाकोठी, सिसवन समेत सभी प्रखंडों में मनाया जाएगा। पूजा के साथ ही मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। बता दें कि गोवर्धन पूजा हर साल दीपावली के अगले दिन की जाती है, लेकिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के उदया तिथि के अनुसार बुधवार को गोवर्धन पूजा की जाएगी।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्तः
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि लगभग 05 घंटे की है।
ऐसे करें गोवर्धन की पूजा :
आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का बहुत महत्व है। इसके लिए सबसे पहले गाय के गोबर से गोवर्धन का चित्र घर के आंगन में बनाया जाता है। इसके बाद गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है। पूजन में अक्षत, रोली, जल, दूध, बताशे, पान और केसरी फूल प्रयोग में लाए जाते हैं। गोवर्धन के चित्र के पास दीप जलाकर भगवान को याद किया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन अगर विधि-विधान से भगवान गोवर्धन की पूजा की, तो श्रीकृष्ण पूरे साल अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।