परवेज अख्तर/सिवान: सीवान के प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन अल्हाज शबीहुल कादरी पोखरवी की याद में एक शोक सभा का आयोजन शुक्ल टोली स्थित अंजुमन उर्दू हिन्दी साहित्य के अंतर्गत चलने वाले सालिम उर्दू लाइब्रेरी के वाचनालय में किया गया. शोक सभा की अध्यक्षता मुफ़्ती मो. रफी अंजुम मन्नानी ने की.शोक सभा का आरम्भ मो. मोदस्सीर अली छातवी के द्वारा तिलावते कुरान-ए-पाक से हुई .इस मौके पर अंजुमन के सचिव एवं लाइब्रेरी के डायरेक्टर सैयद आरिफ हसनैन ने मौलाना के कृतित्व एवं व्यक्तिव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग़ौसुल वरा अरबिक कॉलेज के संस्थापक मौलाना शबीहुल कादरी के साथ उन्होंने भी स्थापना के समय बुनियाद रखी थी. उन्होंने कहा कि मौलाना ने सीवान ही नही बल्कि सारण कमिश्नरी में इस्लामी धार्मिक शिक्षा की ज्योति जगाई और बहुत से मदरसों की स्थापना भी करवाई. सैकड़ों की संख्या मे आलिम-ए-दीन भी बनाया, जो विभिन्न जिलों में अपनी सेवायें दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मौलाना लाइब्रेरी में होने वाले कार्यक्रमों में भी आया करते थे. इस मौके पर मुफ़्ती मो. रफी अंजुम मन्नानी ने कहा कि मौलाना ने अपनी शिक्षा एवं व्यवहार से पूरे बिहार मे अपनी अलग पहचान बनाई. आज हर तरफ उनको याद कर श्रद्धांजलि दी जा रही है. मदरसा मोहिउलूम के उस्ताद मौलाना मो. असलम रिज़वी ने उनके द्वारा की गई धार्मिक सेवाओं की चर्चा की. शोक सभा में समाजसेवी एनाएतुल्लाह नन्हे, डॉ एफए आज़ाद, इम्तियाज़ अहमद नादिर, डॉ अली असग़र, मो. शहनवाज, पूर्व जिला पार्षद समरुन निशा, वसीम अंसारी गुड्डू, डा. एमके राईन, मो. ज़ाहिद ख़ालिसपुर, हाजी समीम अहमद, मो. क़य्यूम लाडले, मो. मोईन लड्डन, इस्हाक अंसारी, हिदायतुल्लाह अंसारी, सैयद मेहंदी इमाम मुन्ने, समसाद अहमद, मो. यूनुस अंसारी, अब्बास हाशमी, मो.रक़ीब आदि उपस्थित थे.