परवेज अख्तर/सिवान: शहर के शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट में चल रहे स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती के उपलक्ष्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन शुक्रवार को हो गया। संगोष्ठी के दूसरे दिन के प्रथम सत्र को काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रोफेसर डा. विवेकानंद उपाध्याय ने बतौर मुख्य वक्ता संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज की पीढ़ी को यदि चरित्रवान बनाना है तो विवेकानंद के जीवन चरित से सीखना होगा। मनुष्य निर्माण की शिक्षा आज के पीढ़ी की सबसे बड़ी चुनौती है। जैसा राष्ट्र या समाज आप चाहते हैं उसे दूसरा कोई नहीं देगा।
उसे मनुष्य को स्वयं बनाना होगा। प्राचार्य राहुल पटेल ने बताया कि यह पहला मौका था जब इस संस्थान ने हाइब्रिड मोड में इस आयोजन को संपन्न किया गया। आफलाइन एवं आनलाइन मोड में कुल 230 प्रतिभागी जुड़कर अपने शोध पत्र को प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में व्याख्याता मनोज कुमार, डा. रामकृष्ण, विजया, राजेश कुमार, डा. सैयद मोहम्मद अयूब, संजय कुमार सिंह, सोनी तरन्नुम, नवीन कुमार, सुधांशु कुमार, डा. सत्येंद्र पांडेय, विश्वामित्र मिश्रा एवं नागेंद्र राय ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मौके पर कार्यक्रम केे समन्वयक डा. शिशुपाल सिंह, सह समन्वयक कनिष्क कृष्ण एवं संयोजक डा. ओमकार नाथ मिश्रा उपस्थित थे।