- घोड़ों ने अपने ही मुंह से शरीर को काट किया था जख्मी
- कुछ ही घंटे बाद दोनों घोड़ों ने जमीन पर गिर तोड़ा दम
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के घोड़ा पालकों के लिए बुरी खबर है। एक महीने के भीतर रहस्यम बीमारी के कारण हुई दो घोड़ों की मौत परेशान करने वाली है। पुशुपालकों ने बताया कि घोड़ों की मौत का पीछे क्या कारण रहा अबतक सभी अनजान हैं। हालांकि वे अब अपने हृदयप्रिय घोड़ों की मौत को लेकर न तो चर्चा और न ही याद करना चाहते हैं। जब भी उन्हें घोड़ों की मौत से पहले के पांच घंटे का दृश्य याद आता है तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मृत एक घोड़े के मालिक गुठनी प्रखंड के मैरीटार गांव निवासी राम जी यादव ने बताया कि उनके घर कई पीढ़ी से घोड़ा रखने की परंपरा है। उन्होंने भी बीते वर्ष एक घोड़ा खरीदा था जिसकी मौत हो गयी है। पहली बार ऐसी मौत को सामने से देखा था। घोड़ा अपने ही मुंह से अपने शरीर को काट-काटकर बुरी तरह से जख्मी कर लिया था। आसपास की जमीन खून से सन गयी थी और देखते ही देखते कुछ घंटे बाद घोड़े ने दम तोड़ दिया। दूसरे घोड़े के मौत के पीछे की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी। घोड़ा सीवान जीआरपी थानाध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद सिंह का था। उसकी भी मौत के कारणों का पता नहीं चल सका। लेकिन दोनों ही घोड़ों के मरने से पहले एकरूपता देखने को मिली, दोनों ने ही अपने मुंह से अपना शरीर को बुरी तरह जख्मी कर लिया था।
डॉक्टर ने बताया कोलिक रोग
घोड़े का इलाज करने वाले पशु चिकित्सक वीके चौधरी ने बताया कि उन्होंने घोड़े की स्थिति देखकर रोग का पता लगाने की कोशिश की। बाद में निष्कर्ष पर पहुंचे कि उसे कोलिक रोग हो सकता है। घोड़ों में कोलिक रोग होता है, इस रोग में सामान्यत: पेट में दर्द पाया जाता है। हालांकि रोक के हिस्टी का पता लगाकर पेट दर्द के कारणों का पता लगाकर उसी अनुरूप दवाईयां दी जाती हैं।
लोग मान रहे हैं रहस्यमय बीमारी
आसपास के अन्य पशुपालकों से जब घोड़ों की मौत और रोग को लेकर बात की गयी तो लोगों ने इसे रहस्यमय बीमारी बताया। हालांकि पशु विभाग के चिकित्सक और पशुपालकों की बातों में कितना दम है यह तो जांच के बाद ही पता चल सकता था। लेकिन इस तरह जिले में दो घोड़ों की रहस्यमय मौत के बाद भी बीमारी को जानने को लेकर उनके सैंपल की जांच कराने की जहमत नहीं उठायी गयी।