परवेज़ अख्तर/सिवान:- कोरोना के कारण देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। लॉकडाउन में आर्थिक तंगी के कारण ही दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग अपना सबकुछ छोड़कर पैदल कई दिनों तक मीलों सफर तय कर अपने गांव लौट गए। वहीं जेल में बंद बंदियों के परिवार के सदस्यों के समक्ष भी आर्थिक तंगी ने उन्हें और परेशानी में डाल दिया। इस कारण जेल में बंद बंदियों के परिवार के सदस्य आर्थिक मार झेलने को विवश हो गए। इसलिए अब मंडलकारा प्रशासन ने बंदियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया है। बंदियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जेल के अंदर आटा-मसाला उद्योग स्थापित करने का फैसला किया गया है। इस उद्योग को धरातल पर उतारने के लिए मंडलकारा में आटा, सत्तू, मसाला, तेल उद्योग लगाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है।
बंदियों द्वारा तैयार आटे व मसालों की होगी बाजारों में बिक्री
जानकारी के अनुसार जेल में आटा-मसाला, सत्तू आदि के लिए लगाए जाने वाली मशीन से तैयार मसाले व अन्य खाद्य सामग्री की बिक्री बाजारों में की जाएगी। वहीं बड़ी बड़ी मंडियों से ऑर्डर लेकर बंदियों को काम दिया जाएगा। ताकि वे अधिक से अधिक काम कर आर्थिक रूप से संपन्न होने की दिशा में आगे बढ़ें। जेल के अंदर तैयार सभी खाद्य सामग्री को सिवान के बाजारों में पहले बिक्री के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद मांग के अनुसार दूसरे जिलों में भी इनकी सप्लाई की जाएगी।
जेल प्रशासन ने मार्च में भेजा था पत्र
जानकारी के अनुसार सिवान मंडल कारा प्रशासन ने मार्च माह में विभाग को इस उद्योग को स्थापित करने के लिए पत्राचार किया था। जिसकी स्वीकृति जल्द मिलने का आस है। यहां उद्योग लगाने का प्रपोजल काफी लंबे समय से चल रहा है। स्वीकृति मिलने के बाद बंदियों को ट्रेनिग दी जाएगी। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बंदी इस रोजगार से जुड़ जाएंगे। वहीं पहले वैसे महिला और पुरुष बंदियों को इसमें शामिल किया जाएगा जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं।
कहते हैं अधिकारी
मंडलकारा में आटा, सत्तू, मसाला, तेल उद्योग लगाने के लिए मार्च माह में प्रपोजल गया था। उम्मीद है कि जल्द अनुमित मिल जाएगी। अनुमित मिलने के बाद उद्योग को धरातल पर लाने का प्रयास शुरू कर दिया जाएगा।
संजीव कुमार
मंडल कारा अधीक्षक, सिवान