जिले में इस बार 66 दिनों तक चलेगा अभियान
सिवान: जिले में कालाजार से मुक्ति को लेकर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव शुक्रवार से शुरू हो गया. इसका विधिवत शुभारंभ जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमआर रंजन ने किया। डीएमओ ने बताया कि पहले दीवार में 6 फीट की ऊंचाई तक सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव होता था, लेकिन इस बार पूरी दीवार में छिड़काव कराया जा रहा है. घर के अंदर सभी जगहों पर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव हो रहा है. यह अभियान जिले में 66 दिनों तक चलेगा.
कालाजार की रोकथाम को लेकर विभाग अलर्ट
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमआर रंजन ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. इसको लेकर जिले में छिड़काव शुरू किया गया है। छिड़कावकर्मियों को चिह्नित गांव की जानकारी दी गई है.
घर के पास जलजमाव नहीं होने दें
डॉ एमआर रंजन ने बताया अब दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें. सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छररोधी क्रीम लगाएं. कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई.
कालाजार की ऐसे करें पहचान
कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है. कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है. यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है. कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है. यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है. यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है. बाल व त्वचा के परत भी सूख कर झड़ते हैं. उन्होंने बताया कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करें और किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं.