✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
बसंत पंचमी के त्योहार के साथ ही फागुनी बयार बहने लगी है। प्रकृति अपने रंग बिखेरने में जुट गई है। सरसों की फसल में पीले रंग के फूलों की चादर दूर से ही लोगों का ध्यान खींच रही है। इसी क्रम में ग्रामीण चौपालों समेत अन्य जगहों पर गुरुवार को होली के ताल ठोंके गए। देवन में महादेवा बड़ा हो, गोकुल में श्रीकृष्ण कन्हैया, खेलहूं गेंद गिरे यमुना में…., राम खेले होली लक्ष्मण खेले होली…, रामजी पगिया रंगा दे सइयां हो,हाथ लिए बेल पत्र के दौरा… समेत अन्य होली गीतों से पूरा माहौल होलीमय हो गया।
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