पटना: कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में कथित रूप से गड़बड़झाला होने की बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकर लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के उन आंकड़ों को ख़ारिज कर दिया जिसमें बिहार में कोरोना से 13500 मौत होने की बात कही गई थी. शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार के वकील को कहा कि हमें आपके आंकड़ों पर भरोसा नहीं हो रहा है।
दरअसल बिहार में कोरोना से हुई मौतों के मामलों में पीड़ितों के परिजनों को उचित मुआवजा नहीं मिलने की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को बिहार और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिवों को दोपहर 2 बजे तक ऑनलाइन तरीके से पेश होने कहा. कोर्ट ने दोनों राज्य सरकरों को मुआवजा के मुद्दे पर फटकार लगाई. कोर्ट का सवाल था कि कोविड-19 से मृत्यु के मामलों में परिजनों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि का वितरण उनके राज्यों में कम क्यों हुआ है।
कोरोना महामारी के व्यापक असर और राज्य में हुई मौतों के पेश आंकड़ों पर शीर्ष न्यायालय ने आश्चर्य जताया. कोर्ट नाराजगी जताते हुए कहा, बिहार ने सिर्फ 13250 मौतों का आंकड़ा दिया है. इनमे से सिर्फ 11 हजार को ही मुआवजा मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा की इतनी कम मौत कैसे हो सकती है? न सिर्फ बिहार बल्कि कई राज्यों में बड़ी तादाद में आवेदन ख़ारिज होने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई।
मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी. कोर्ट ने सभी राज्यों को कोरोना से हुई मौतों के उचित आंकड़े पेश करने और तमाम त्रुटियों को दूर करने कहा है. राज्य सरकारों को इस आदेश के आलोक में एक स्टेट्स रिपोर्ट दो हफ्तों में जमा करना होगा. बाद में अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी।