आकाशीय बिजली से बचने के लिए बरतें सावधानियां, खुद को रखें सुरक्षित

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  • जिले में ठनका गिरने से पांच लोगों की मौत
  • गरज होने पर सुरक्षित स्थान पर जाएं
  • पेड़ के नीचे न खड़े हो

सिवान : बारिश या मानसून में बिजली कड़कना या गिरना आम बात है। इससे बचने के लिए स्वयं की सावधानी बहुत जरुरी है। यद्यपि, आपदा विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रचार-प्रसार कराया जाता है। सामान्यता बारिश के दौरान लोगों द्वारा पेड़ के नीचे छिपने, बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होने एवं , पानी के करीब होने के कारण वे आकाशीय बिजली के चपेट में आ जाते हैं। अगर आसमान में बिजली कड़क रही है और आप घर के बाहर हैं तो सबसे पहले सुरक्षित (मजबूत छत) वाली जगह तक पहुंचने का प्रयास करें।
इससे बचाव के लिए प्रचार प्रसार कराया जाता है। बिजली का जब गर्जन हो तो खुद सावधान हो जाना चाहिए। तभी इससे बचाव हो सकता है।

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सिवान में 5 लोगों की मौत

सिवान के अलग अलग प्रखंडो में आकाशीय बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हो गयी। जानकारी के अनुसार हसनपुरा प्रखंड के पडौली टोला में एक ,बड़हरिया के सुरवालिया गाँव में एक , मैरवा के खुदरा गाँव मे एक तो वही हुसेनगंज प्रखंड के राशिद चौक के समीप एक और पांडेपुर गाँव मे एक व्यक्ति की मौत हो गई हैं।

ज्यादा जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें

ज्यादा जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। बाहर निकलते समय पूरी सावधानी बरतनी जरूरी है। फिलहाल लोगों को चाहिए कि जब भी बादल गरजना शुरू हों, सुरक्षित स्थानों से बाहर न निकलें और अगर कहीं फंस भी जाएं, तो लोगों को चाहिए कि बड़े पेड़ों की बजाय मकानों के नीचे खड़े हो जाएं, क्योंकि बिजली अधिकतर ऊंचे स्थानों या लंबे-ऊंचे पेड़ों पर ही गिरती है।

मुआवजे का प्रावधान

  • वज्रपात से एक व्यक्ति की मौत पर उनके आश्रित को 4 लाख का मुआवजा
  • प्रति घायल को 4300 से अधिकतम 2 लाख रुपये तक (घायल की स्थिति के अनुरूप)
  • कच्चा या पक्का घर के पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने पर प्रति मकान 95,100 रुपये
  • झोपड़ियों की क्षति पर प्रति झोपड़ी 2100 रुपये
  • दुधारू गाय, भैंस की मौत पर प्रति पशु 30000 रुपये
  • बैल, भैंसा जैसे पशु की मौत पर प्रति पशु 25000 रुपये
  • भेड़ व बकरी सहित अन्य की मौत पर प्रति पशु 3000 रुपये

वज्रपात से बचने के उपाय

  • लीबिज गिरने के दौरान मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित है.
  • घरों में तड़ित चालक लगवाएं
  • बिजली से चलने वाले उपकरण बंद कर दें
  • यदि किसी वाहन पर सवार हैं तो तुरंत सुरक्षित जगह चले जाएं
  • टेलीफोन, बिजली के पोल के अलावा टेलीफोन और टीवी टावर से दूर रहें
  • किसी इकलौते पेड़ के नीचे नहीं जाएं
  • यदि जंगल में हैं, तो बौने (कम ऊंची पेड़) और घने पेड़ों के नीचे जाएं
  • दलदल वाले स्थानों और जलस्रोतों से दूर रहने की कोशिश करें
  • गीले खेतों में हल चलाने या रोपनी करने वाले किसान और मजदूर सूखे स्थानों पर जाएं
  • ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार बांधकर जमीन में काफी गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाए
  • नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े ना रहें.बादल गर्जन के दौरान मोबाइल और छतरी का प्रयोग न करें
  • आंधी-बारिश व तूफान के दौरान तत्काल बाद घर से बाहर न निकलें. देखा गया है कि बादल गर्जन व तेज बारिश के होने के 30 मिनट बाद तक बिजली गिरती है
  • अगर कहीं कोई तेज बारिश में फंस जाएं तो अपने हाथों को घुटनों पर और सिर को घुटनों के बीच में रखें.इससे शरीर को कम-से-कम नुकसान होगा
  • घरों के दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे का इस्तेमाल करें
  • बादल गर्जन और बारिश के दौरान घर के नल, टेलीफोन ,टीवी और फ्रिज आदि न छूएं
  • बारिश में दो पहिया वाहन, साइकल, नौका और दूसरे खुले वाहन में हों, तो तत्काल रोककर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं
  • बिजली और टेलीफोन के पोल के नीचे न खड़े हों.उस दौरान खेतों में खड़े न हों