परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड मुख्यालय के भगवानपुर में संत इन्दर बाबा के मठ परिसर में चल रहे सात दिवसीय हनुमत प्राण-प्रतिष्ठा सह मारुति महायज्ञ में शुक्रवार की रात अयोध्या से आए रामायणी कथाकार रामावतार दास जी ने भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने श्रीराम के जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि हमें उनके चरित्र को अपने जीवन मे उतारने की आवश्यकता है। उनके पदचिन्हों को पर चलकर हीं हम अपना और अपने देश का विकास कर सकते हैं। उन्होंने कहा श्रीराम एक बड़े नेता भी थे। आज के नेताओं को उनके जीवन चरित्र से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रामराज्य में ऊंच – नीच का कोई भेदभाव नहीं था। लोगों में आपस में एक-दूसरे के प्रति प्रेम था। हिंसा का कोई स्थान नहीं था। मनुष्य को कौन कहे जानवरों में भी आपसी प्रेम था। यही कारण है कि उस समय बाघ और बकरी एक हीं घाट पर पानी पीते थे। वे सभी को अपना मानते थे। उन्होंने अछूत(भीलनी) सबरी के प्रेम पूर्वक दिए हुए जूठे बेर खाए। उसे उन्होंने माता मान उसका आदर किया। विदुरानी के प्रेम पूर्वक दिए छिलके में उन्हें जो स्वाद मिला, वह स्वाद किसी व्यंजन में नहीं मिला। उन्होंने अछूतों के बीच जाकर सबको गले लगाया तब जाकर रामराज्य की स्थापना हुई। उन्होंने आज की हालात की चर्चा करते हुए कहा कि आज युवाओं को जाति-धर्म के आधार भटकाया जा रहा है। इससे रामराज्य की संस्कृति को कलंक लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीराम सबके थे और उनके पदचिन्हों पर चलकर हीं देश आगे बढ़ सकता है। मौके पर रमेश सिंह, त्रिलोकी सोनी, बीरेन्द्र सोनी, अवधेश गुप्ता, कामेश्वर प्रसाद आदि मौजूद थे।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
श्रीराम के चरित्र को अपने जीवन में उतारें: रामावतार दास
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