तरवारा बाजार:- अल्लाह ने इस मुबारक महीने को तीन अशरों में तक्सीम किया है:- हाफिज अब्दुल करीम निजामी

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  • इस्लाम के पांच स्‍तंभ तौहीद, नमाज़, रोज़ा, ज़कात और हज
  • गुनाहों को खुदा से माफ कराने का महीना है रमज़ान

✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
पचरुखी प्रखंड के तरवारा पुरानी बाजार स्थित पुरानी जामा मस्जिद के हाफिज अब्दुल करीम निजामी ने रमज़ानुल मुबारक पर फजीलत बयान करते हुए कहा कि इस्लाम की बुनियाद पांच स्‍तंभों पर टिकी है।जिसमें तौहीद,नमाज़,रोज़ा,ज़कात और हज शामिल हैं।इस्लाम के इन 5 पिलर को अरकान-ए-इस्‍लाम और अरकान-ए-दीन भी कहा जाता है।इस्लाम धर्म के मुताबिक हर मुसलमान को तमाम उम्र इन 5 पिलर को अपनी जिंदगी का आधार मानकर चलना चाहिए।माना जाता है कि इस पूरे महीने की इबादत आपको अल्लाह के करीब लेकर जाती है।यह माहे रमजान जो पूरे साल किए गए गुनाहों को खुदा से माफ कराने का महीना है।रमज़ान में रोज़ा रखना,रोज़ेदार की कदर करना,रोज़ेदार का एहतिराम करना भी अल्लाह ने इबादत बताया है।हाफिज अब्दुल करीम निजामी ने बताया कि रमजान का पूरा महीना मोमिनों के लिए खुदा की तरफ से अजमत,रहमत और बरकतों से लबरेज है।लेकिन अल्लाह ने इस मुबारक महीने को तीन अशरों में तक्सीम किया है।इस तरह रमजान के पहले दस दिन (1-10) में पहला अशरा,दूसरे 10 दिन (11-20) में दूसरा अशरा और तीसरे दिन (21-30) में तीसरा अशरा बंटा होता है।

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पहला अशरा खुदा की रहमत वाला है।एक से 10 रमजान यानी पहले अशरे में खुदा की रहमत नाजिल होती है।रमजान का चांद नजर आते ही शैतान कैद कर लिया जाता है। जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और दोजख के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। अल्लाहतआला अपनी रहमत से गुनाहगारों को अजाब से निजात देते हैं।नेक काम के सवाब में 70 गुना इजाफा कर दिया जाता है।रसूल सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने फरमाया कि अगर लोगों को मालूम हो जाए कि रमजान क्या चीज है तो मेरी उम्मत साल के 12 महीने रमजान होने की तमन्ना करेगी।रमजान का महीना रहमत व बरकत वाला है।हर मर्द,बच्चे, औरत और बूढे़ रोजे का साथ नमाज-तरावीह में मशगूल रहते हैं।