- घरों में ही लोग करेंगे इमाम हसन- हुसैन के नाम पर फातेया
- अंसारी मोहल्ला व इराकी मोहल्ला में बनी हैआकर्षित ताजिया, अंतिम रूप देने में जुटे है कालाकार
“कर्बला का मैदान हमे ज़ुल्म से नफरत और मज़लूम से मोहब्बत करने का पैग़ाम देती है “
परवेज़ अख्तर/सिवान: जिले के पचरुखी प्रखंड के तरवारा बाजार समेत आस-पास के इलाकों में तथा बड़हरिया प्रखंड के बड़हरिया बाजार समेत कई गांव में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते रविवार को इमाम हसन-हुसैन की याद में निकाले जाने वाली भव्य ताजिया व आकर्षित आखाड़ा इस वर्ष नही निकाली जाएगी। लोग अपने-अपने घरों में ही कर्बला के मैदान में शहीद हुए शहीदों के नाम पर फातेया करेंगे। हालांकि पचरुखी प्रखंड तथा बड़हरिया प्रखंड के विभिन्न कई गांव में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भव्य ताजिया का निर्माण किया है। वहीं कई गांव में लोगों द्वारा ढ़ोल-तासा बजाकर अपने-अपने कला का प्रदर्शन सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए कर रहे हैं। यहां बताते चलें कि तरवारा बाजार के अंसारी मोहल्ला में कलाकारों द्वारा एक भव्य ताजिया का निर्माण कराया जा रहा है।
शनिवार की रात तक दोनों मोहल्ले में कलाकारों द्वारा भव्य ताजिया का अंतिम आकर्षित रूप देने में जुटे हुए थे। दोनों मोहल्ला के ताजियादारो ने बताया कि वैश्विक महामारी के चलते इस वर्ष ताजिया को मेला स्थल पर नहीं ले जाया जाएगा। सिर्फ कर्बला के मैदान में शहीद हुए शहीदों के नाम पर सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए फातेया अपने-अपने चौक पर बनी हुई ताजिया को रखकर की जाएगी। भव्य ताजिया के अंतिम रूप देने में गोल्डेन सैफी, सोनू अली, मिस्टर अली, अरमान अली, जुनेद अंसारी, नाजिम अंसारी , इमाम अली ,महमूद अंसारी , नेमउल्लाह अंसारी, रहमत अंसारी , मैनुद्दीन अली, सद्दाम अंसारी, शमशीर अंसारी, राजा अंसारी , मुस्ताक अंसारी, खुर्शीद अली, महफूज आलम, जमशेद अंसारी, मकसूद सैफी, रेयाज सैफी, हफीज सैफी, नेयाज सैफी, लालू सैफी, अली इमाम हुसैन, रब्बे आलम, शकील अंसारी, बसरूद्दीन राय, समेत सभी मोहल्ला वासी लगे हुए हैं।
वही इराकी मोहल्ला में भी भव्य ताजिया के अंतिम रूप देने में जहांगीर आलम, इफ़्तेख़ार आलम , आलमगीर आलम, इरफान उर्फ राजा बाबू शारिक आलम, जहीर आलम, तबरेज आलम, साहेब आलम, शहाबुद्दीन आलम उर्फ सब्बू , नेसार आलम, मोहम्मद बुलेट, सद्दाम आलम, शाहरुख आलम,आमिर बाबू समेत सभी मोहल्ला वासी लगे हुए हैं। इराकी मोहल्ला के शाहरुख आलम ने बताया कि प्रत्येक वर्ष भव्य ताजिया के साथ आकर्षित अखाड़ा उड़िया टोला गांव स्तिथ इमामबाड़ा में जाता था। लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी के चलते हम सभी लोग इमामबाड़ा में न जाकर अपने अपने मोहल्ला में बने चौक पर ताजिया को रखकर कर्बला के मैदान में शहीद हुए शहीदों के नाम पर फातेया कर इस पर्व का समापन कर लेंगे।