- टीबी मरीजों का निश्चय पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य
- एक डिजिटल आईडी से देश में कहीं मिलेगी सुविधा
- सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर टीबी मरीजों का नि:शुल्क उपचार
छपरा: जिले में टीबी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए विभाग प्रयासरत है। सरकार द्वारा 2025 तक देश सहित जिला को टीबी रोग से मुक्त करने का निश्चय किया गया है। जिले में निश्चय पोर्टल के माध्यम से रोगियों से संबंधित सभी डेटा अपलोड किया जा रहा है। मरीजों का नाम जोडऩे के बाद टीबी रोगियों को सात अंकों की एक डिजिटल आईडी मिल रही है। इससे मरीजों का पता लगाने में विभाग को काफी सुविधा हो रही है। इससे विभाग को यह भी पता चल रहा है कि मरीज ने समय पर दवा ली या नहीं। इसके अलावा इस आईडी के जारी होने के बाद रोगी देश में कहीं से भी अपनी दवा ले सकेंगे। दवा के पैकेट के साथ एक टोल फ्री नंबर भी है। जिस पर यह बताना होगा कि मरीज ने दवा ले ली है। अगर दवा नहीं ली या मरीज की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो स्थानीय आशा और एरिया के टीबी फील्ड वर्कर मरीज के घर पहुंच कर विस्तृत जानकारी लेते हैं। दरअसल लंबे समय तक दवा चलती है और दवा लेने के दौरान बीच में मरीज को थोड़ी परेशानी भी होती है। इसलिए मरीज बीच में दवा छोड़ते हैं। चिकित्सक के मुताबिक अगर दवा बीच में छोड़ दी जाए यह गंभीर हो सकता है।
सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर टीबी मरीजों का नि:शुल्क उपचार
सीडीओ डॉ. अजय कुमार शर्मा ने कहा कि टीबी बीमारी होने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि, लक्षण दिखते ही स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए। दरअसल, यह एक सामान्य बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, किसी भी को इलाज के लिए खर्च की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है।
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद हीं मिलती मरीजों को सभी सुविधा
प्रभारी सीडीओ डॉ. अजय कुमार शर्मा ने बताया कि पोर्टल से जुडऩे पर हर माह 500 रुपये टीबी के मरीजों को उनके बैंक खाते के जरिये दिया जाता है। जिससे बीमारी खत्म होने तक मरीज इलाज करा सके। साथ ही अगले 2025 तक टीबी मुक्त देश के साथ जिला हो सके। निश्चय पोषण योजना के अंतर्गत 500 रुपये टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से दी जाती है।
टीबी से कैसे बचें
- नवजात शिशुओं को बीसीजी का टीका लगवाएं
- सक्रिय मामले पता लगने पर जल्द से जल्द उनका इलाज करना चाहिए
- दवा का सेवन नियमित रूप से करें वरना ड्रग रेसिस्टेंस की संभावना है
- संक्रमित व्यक्ति को खाते समय अपने मुंह पर कपड़ा रखना चाहिए
- साफ-सफाई का ध्यान रखें और भीड़ वाले स्थान पर ना थूकें
- ताजे फल सब्जियों के साथ संतुलित आहार का सेवन करें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं