परवेज अख्तर/सिवान :- कोरोना महामारी ने न जाने कितने लोगों की जान लेगा. यह किसी को पता तक नहीं. महामारी के चलते सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों के चिकित्सक इलाज करने से कतरा रहे हैं. इसी कड़ी में मैरवा के लालगंज के एक शिक्षक की मौत इलाज के अभाव में शनिवार की देर रात को हो गयी. मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है. बताया जाता है कि मृत शिक्षक अबू ओसामा नौतन प्रखंड के नरकटिया के उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय सह उच्च विद्यालय में कार्यरत थे. वे एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे. उन्हें सांस फुलने की समस्या थी. वे न्यूमोनिया के पेसेंट थे. बेहतर इलाज के लिए उन्हें सीवान ले जाया गया.
मगर निजी अस्पताल कोरोना के भय से इलाज नहीं किया. वे कोरोना की जांच के बाद इलाज करने को कहा. 24 जुलाई को उनका कोरोना टेस्ट रेफरल अस्पताल के एएनम कॉलेज में हुई. उनकी रिपोर्ट निगेटिव आयी. जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ती गयी. आनन फानन में उन्हें सीवान ले जाया गया. कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी निजी अस्पताल ने इलाज नहीं किया. परिजन दर दर भटकते रहे. वही हल्ला हंगामा के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जो इमरजेंसी में मरीज को देखने के लिये कोई चिकित्सक मौजूद नहीं थे.
हालांकि कुछ देर बाद एक चिकित्सक आये और इलाज करना शुरू किया. कुछ देर बाद उनकी सांसे थम गई. जिसके बाद परिजनों में चीख पुकार मच गयी. इधर परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. इलाज में आनाकानी करने से मौत हुई है. अगर समय से समुचित इलाज मिलता तो शायद आज वे सबके बीच रहते. इधर उनके असामयिक निधन की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गयी.