छपरा: सहरसा में पुलिस हिरासत में कुख्यात पप्पू देव की मौत से आक्रोशित लोगों ने जमकर बवाल काटा है। गुस्साए लोगों ने बिहरा बाजार में सहरसा-सुपौल हाईवे को जाम कर दिया। वे हाईवे पर टायर कर आगजनी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस की पिटाई ही पप्पू देव की मौत हो गई। गुस्साए लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। करीब 4 घटे से हाईवे जाम है।
सड़क जाम की वजह से बिहरा में दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग चुकी है। इस जाम में पेट्रोल और डीजल का टैंकर भी फंसा हुआ है। इधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दल-बल के साथ मौके पर पहुंच गई है। पुलिस लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश कर रही है। इधर, पप्पू देव की पत्नी पूर्व जिला पार्षद पूनम देव भी पटना से सहरसा पहुंच चुकी हैं। पोस्टमार्टम के बाद पप्पू देव के शव को उनके गांव ले जाया जायेगा।
जाम करने वालों का कहना है कि पप्पू की मौत हृदय गति रुकने से नहीं बल्कि पुलिस की बर्बर पिटाई से हुई है। दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। आशंका जताई जा रही है कि पप्पू देव का शव बिहरा पहुंचने के बाद इनका आंदोलन उग्र रूप अख्तियार कर सकता है। किसी भी तरह उपद्रव से निपटने की प्रशासनिक तैयारी भी चल रही है। जिले के अधिकांश थानों से पुलिस और पदाधिकारियों को सहरसा बुला लिया गया है। विधि व्यस्था बनाये रखने के लिए जिले के अधिकारी बैठक कर रणनीति तैयार कर रहे हैं।
सहरसा में कोसी का डॉन कहे जाने वाले पप्पू देव की रविवार को सुबह में पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। पुलिस का कहना है कि शनिवार की रात पप्पू देव और उसके गुर्गों के साथ पुलिस मुठभेड़ हुआ था। इसमें जमकर गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के बाद ही पुलिस ने पप्पू देव को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की। पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं, मौत की सूचना के बाद पप्पू देव के समर्थक सदर अस्पताल में जुट गए। लोगों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में उसकी बेरहमी से पिटाई की गई है। शरीर पर कई जगह लाठी से पीटने के निशान हैं। निशानों को देखकर स्पष्ट होता है कि पप्पू की मौत पिटाई की वजह से ही हुई है। हालांकि, पुलिस इन आरोपों से इनकार किया।