- अतिरिक्त बेड व ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराएंगे
- कुछ योजनाओं को हटाकर प्राथमिकता दी जा सकती है
परवेज अख्तर/सिवान: कोविड 19 के प्रबंधन में जिला, अनुमंडल व प्रखंडस्तरीय सरकारी अस्पतालों की आधारभूत सुविधाओं के अतिरिक्त सुविधा के लिए 15 वें वित्त आयोग की निधि का उपयोग किया जा सकता है. इस सम्बंध में बिहार सरकार पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने 6 मई को सभी जिला पदाधिकारी को इस संबंध में निर्देश जारी किया है. इस सम्बंध में प्रावधान किया गया है कि जिला परिषद द्वारा 15 वें वित्त आयोग की अनटाइड अनुदान की राशि का उपयोग अतिरिक्त बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए किया जा सकता है. इस योजना के तहत पूर्व के निर्देश के तहत जिला परिषद व प्रखंड प्रमुख अस्पताल की बाउंड्री व अन्य पक्का कार्य करा सकते थे. परंतु अपर मुख्य सचिव के इस निर्देश के बाद अब जिला पार्षद व प्रखंड प्रमुख अपने जिला, अनुमंडल व प्रखंड के अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाने, ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने में भी कर सकते है. कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है. इस सम्बंध में पूछे जाने जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि कोविड 19 के संक्रमण के वर्तमान स्वरूप को देखते हुए यह निर्देश मिला है. वर्तमान में सत्र 2021-22 की योजना ली जा चुकी है. परन्तु जहां कहीं भी सम्भव हो सकेगा, कुछ योजनाओं को हटाकर इसे प्राथमिकता दी जा सकती है. जिला, अनुमंडल व प्रखंड के अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाने से लेकर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की योजना अब 15 वे वित्त आयोग की अनटाइड योजना के तहत लिया जा सकता है. इस सम्बंध में आगे भी गाइडलाइन आएगी. जिसके आधार पर योजना तैयार की जाएगी.
संक्रमण रोकने के लिए बढ़ी जागरूकता
लकड़ी नबीगंज. एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप चरम पर है. वहीं इससे निपटने व संक्रमण नहीं फैलने देने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ी है. गांव, टोला, मोहल्लों में लोग एक दूसरे को संक्रमण से बचने का गुर बता रहे हैं. मास्क सैनिटाइजर के अलावे सामाजिक दूरी का भी लोग ख्याल रख रहे हैं. आमतौर पर वैवाहिक कार्यक्रमों में सामूहिक भोज करते हैं. परंतु वर्तमान परिवेश में ग्रामीण परंपरा को दरकिनार कर महज विवाह की रस्म अदायगी के अलावा भोज व अन्य कार्यक्रमों को टाल दिए जाने की सलाह दे रहे हैं. लोगों में महामारी से पैनिक हुए बिना सजग और सतर्क रहना मुनासिब है. लोगों में बढ़ी जागरूकता, साफ सफाई पर फोकस को देखकर यह कहना वाजिब है कि इस महामारी को हराने के लिए अब लोग पूरी तरह एकजुट हैं.