सुपौल: बिहार के कटिहार और मुजफ्फरपुर जिले में बीते दिनों लोगों के बैंक खाते में करोड़ों की राशि मिलने का मामला सामने आया था. लेकिन प्रदेश के सुपौल जिले में ऐसा मामला सामने आया है, जो वाकई चौकाने वाले है. दरअसल, जिला निवासी एक मजदूर जिसने कभी बैंक में खाता खुलवाया भी नहीं था के नाम पर खुले खाते में 9 करोड़ 99 लाख रुपये मिले हैं. हालांकि, बैंक के साइबर डिपार्टमेंट, मुंबई ने मजदूर के उक्त खाते को फ्रीज कर दिया है. मामला यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जुड़ा हुआ है. वहीं, पीड़ित मजदूर की पहचान जिले के किसनपुर थाना क्षेत्र के सिसौनी गांव निवासी विपिन चौहान के रूप में की गई है.
बैंक खाता होने की नहीं थी जानकारी
जानकारी अनुसार विपीन चौहान पेशे से मजदूर है. रोज कमाता और खाता है. फिर अगले दिन रोजी-रोटी की तलाश में निकल जाता है. लेकिन विपीन के नाम पर शहर के यूनियन बैंक में 9 करोड़ 99 लाख रुपये जमा हैं. इस बात का खुसाला तब हुआ जब वो दो दिन पहले बैंक पहुंचा था. बुधवार को जब विपिन गांव के ही सीएसपी में मनरेगा जॉब कार्ड का खाता खुलवाने गया था, तब सीएसपी वालों ने आधार कार्ड नंबर डाला. उस वक्त उसके नाम का एक खाता यूनियन बैंक सुपौल में होने की जानकारी मिली, जिसके बारे में विपीन को पता तक नहीं था.
बैंक के पास नहीं हैं कागजात
वहीं, जब उस खाते का बैलेंस चेक किया गया तो राशि सुनकर विपीन के होश उड़ गए. उसके खाते में कुल 9 करोड़ 99 लाख रुपये थे. यह सुनकर वो डर गया और गुरुवार को बैंक पहुंचा. लेकिन बैंक द्वारा उसकी कोई मदद नहीं की गई. ऐसे में जब मीडिया के मदद से उक्त खाते की कुंडली निकाली गई, तो पता चला कि बैंक के पास मौजूद कागजात में न तो विपीन का फोटो है और न ही दस्तखत. इसके बाद बैंक में मौजूद अधिकारियों ने खाते का ओपनिंग फार्म भी निकालना चाहा, लेकिन वो बैंक के पास मौजूद ही नहीं था. जबकि उक्त खाता 13 अक्टूबर, 2016 को खुला है और इस खाते में 11 फरवरी, 2017 तक करोड़ों का ट्रांजेक्शन हुआ है.
इस संबंध में जब यूनियन बैंक, रांची के मुख्य प्रबंधक संतोष कुमार पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने खुद खाते की जांच करवा कर खाते को फिलहाल साइबर डिपार्टमेंट द्वारा मुंबई से फ्रिज करवा दिया है. पूरा मामला जांच का विषय है. स्थानीय बैंक अधिकारियों को जांच का आदेश दिया गया है. कैसे खाता खुला, किस आधार पर खुला ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा.