परवेज अख्तर/सिवान: जिले के हसनपुरा/हुसैनगंज प्रखंड के मड़कन गांव की स्व दिनेश्वर राम की पुत्री आशा कुमारी ने दारोगा बनकर गांव व प्रखंड का नाम रोशन किया है. दारोगा बनने पर उनके परिजनों के साथ साथ प्रखंड क्षेत्र में खुशी का माहौल है.परिजन मिठाई खिला कर हर्ष व्यक्त करते हुए दारोगा बेटी पर फुले नही समा रहे है. आशा अपनी सारी पढ़ाई सरकारी विद्यालय व कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई कर कड़ी परिश्रम के बदौलत दारोगा बनी है. आशा के पिता बोकारो स्टील प्लांट में सुपरवाइजर के पद पर नौकरी करते थे. वह 2014 में सेवानिवृत्त हो गये.तत्पश्चात 2019 में उनकी मृत्यु बोकारो में ही हो गई. उसके बाद आशा की पढ़ाई लिखाई की सारी जिम्मेवारी उसकी मॉ राजेश्वरी देवी के ऊपर आ गयी. माँ के पेंशन के पैसे से आशा अपनी पढ़ाई पूरी कर बैंक की नौकरी के लिए तैयारी करने लगी. अनेक बार बैंक की परीक्षा देने के बावजूद उसे सफलता नहीं मिली.
आशा ने बताया कि मेरे जीजा बिरेंद्र कुमार पासवान ने मुझे मार्गदर्शन दिया कि दारोगा की परीक्षा की तैयारी करो. मैं उनके कहने पर 2020 में पटना आकर दारोगा की तैयारी में जूट गई. कड़ी मेहनत के बदौलत प्रथम प्रयास में दारोगा के मुख्य परीक्षा पास तो हो गई. लेकिन लौंग जंप में छट गई. बावजूद अपनी हिम्मत नहीं हारते हुए वह दूबारा दारोगा की परीक्षा दी और सफल हो गयी. आशा बचपन से ही पढने में मेघावी थी. पांच बहनों में सबसे छोटी है. चार बहनों की शादी हो चुकी है. आशा ने प्रभात खबर को बताया कि मैं अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए बीपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर अच्छे पदों पर जाकर देश की सेवा करना चाहती हूं. बधाई देने वालों में चाचा मुन्ना मांझी, शिक्षक कमलेश बैठा, सतनाम बैठा, राजवंशी साह, परमेश्वर मांझी, डोमा चौधरी, रामानंद चौधरी, डॉ पिंटू पांडेय , मोतीलाल साह, रमुना मांझी समेत अन्य ग्रामीण शामिल रहे.