परवेज अख्तर/सिवान : जिले के दारौंदा थाना क्षेत्र के जलालपुर चंवर में मंगलवार की शाम जहरीले घास चरने से करीब दो सौ भेड़ की मौत बुधवार की अलसुबह हो गई। जबकि करीब चार सौ अन्य भेड़ की स्थिति खराब हो गई। इस घटना की जानकारी चरवाहों ने अलसुबह गांव वालों को दी। सूचना पर पहुंचे ग्रामीण खेतों में मृत पड़े भेड़ों को देखकर भौचक रह गए। आनन फानन में इसकी सूचना उन्होंने दारौंदा पशु चिकित्सा पदाधिकारी सहित प्रशासन को दी। सूचना पर पहुंची मेडिकल टीम ने खबर प्रेषण तक जांच जारी रखी थी। जबकि एकमा पशुपालन विभाग और दारौंदा के कर्मचारी बीमार एवं बचे हुए भेड़ का इलाज करने में जुटे थे। घटना के संबंध में बताया जाता है कि सारण जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के मोमखोपुर निवासी महेश पाल, शिवनाथ पाल, हरिनाथ पाल, दूधनाथ पाल एवं रामराज पाल मंगलवार की शाम जलालपुर चंवर में घास चराने के बाद छह सौ भेड़ों के साथ शाम होने के कारण वहीं ठहर गए। जब सुबह जगे तो करीब दो सौ भेड़ों की मौत हो गई थी। मरे हुए भेड़ों के मुंह से खून निकला हुआ था। कुछ भेड़ों की स्थिति दयनीय होने के चलते उनमें बैचेनी बढ़ गई थी। घटना की सूचना थाना एवं पशुपालन विभाग के चिकित्सकों से संपर्क कर दिया गया। सूचना पर पहुंचे चिकित्सकों की टीम और अन्य जांच में जुट गए। इस संबंध में दारौंदा के भ्रमणशील पशुचिकित्सक संजय कुमार कौशिक ने बताया कि संभावना है कि इन भेड़ों की मौत जहरीले घास खाने से हुई है। उन्होंने बताया कि जहां ऐसी घटना हुई है वह टीवीओ के क्षेत्रधीन एकमा अंतर्गत आता है। इसके बावजूद दारौंदा पशुपालन विभाग के कर्मियों को घटना स्थल भेजा गया है। एकमा के पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ. परमानंद रजक से संपर्क कर घटना की जानकारी दी गई। जिस पर वे भी घटनास्थल पर कर्मचारियों को भेजे हैं। कर्मचारियों ने बीमार एवं बचे हुए भेड़ों का इलाज शुरू कर दिया है। बीमार भेड़ों को गेस्टिना पाउडर एवं हिमालय बतीसा दिया जा रहा है। फिलहाल अन्य चार सौ भेड़ों की स्थिति सामान्य बनाने के लिए कर्मचारी लगे हुए हैं। मरे हुए भेड़ों को पोस्टमार्टम कराने के लिए टीवीओ एकमा को कहा गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही घटना की सही जानकारी मिल पाएगी। घटना को लेकर मरे हुए भेड़ों को महामारी फैलाने की अंशका जता रहे हैं।
जहरीली घास खाने से दो सौ भेड़ों की मौत, पशुपालकों में मचा हड़कंप
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