पटना: बिहार में अफसरशाही इस कदर हावी है कि विस अध्यक्ष से भी पुलिस वाले अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने से बाज नहीं आते। अब आरोपी एक डीएसपी व दो थानेदार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस दी गई है। अब स्पीकर ने मुख्य सचिव व डीजीपी को बुलाया है। इस संबंध में बैठक होगी। बैठक से पहले तीन अफसरों से शो-कॉज पूछा गया है। विस की तरफ से पत्र भेजे जाने के बाद डीजीपी ने मुंगेर डीआईजी को पत्र भेज आरोपी तीन पुलिस अधिकारियों से शो-कॉज पूछ रिपोर्ट देने को कहा है।
स्पीकर विजय सिन्हा से अभद्र व्यवहार करने का मामला तूल पकड़ लिया है. बीजेपी के 2 विधायकों ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. विधायक ललन कुमार एवं संजय सरावगी ने लखीसराय के एसडीपीओ रंजन कुमार, थाना प्रभारी बीरूपुर दिलीप कुमार सिंह और बड़हिया के थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन की सूचना विधानसभा को दी है। नोटिस मिलने के बाद विधानसभा सचिव शैलेंद्र सिंह नेराज्य के मुख्य सचिव -डीजीपी को पत्र लिख जवाब मांगा है। साथ ही मीटिंग में स्वयं उपस्थित रहने का आग्रह किया है।
विस सचिव के पत्र में कहा गया है कि 2 विधायकों ने डीएसपी रंजन कुमार सिंह व दो थानाध्यक्षों के खिलाफ बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन की सूचना दी है. इस संबंध में 21 मार्च को स्पीकर के कार्यालय कक्ष में एक बैठक रखी गई है. विशेषाधिकार हनन की जो सूचना दी गई उस बारे में तीनों आरोपी पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त करें। इसके साथ ही उस पर विभागीय मंतव्यों के साथ प्रतिवेदन तीन दिनों के अंदर सभा सचिवालय को उपलब्ध कराएं.
विस सचिव ने अपने पत्र के माध्यम से मुख्य सचिव-डीजीपी से कहा कि आप खुद बैठक में उपस्थित रहें। विस सचिवालय के पत्र के बाद पुलिस मुख्यालय ने 18 फरवरी को मुंगेर डीआईजी को पत्र लिख तीनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की सूचना दी. मुख्यालय के पत्र में कहा गया है की लखीसराय के डीएसपी व 2 थानाध्यक्ष के खिलाफ विधानसभा स्पीकर के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन की सूचना दी गई है. ऐसे में इन तीनों पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर तीन दिनों के भीतर पुलिस मुख्यालय को भेजें.
इस बार सरस्वती पूजा के समय अध्यक्ष विजय सिन्हा अपने गृह क्षेत्र लखीसराय दौरे पर थे. पुलिस पर आरोप था कि दोषी लोगों के बजाए निर्दोष को पकड़ लिया। जब इस संबंध में स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी अध्यक्ष विजय सिन्हा को दी तब उन्होंने डीएसपी व थानेदार से इस संबंध में आपत्ति दर्ज की। इससे भन्नाये डीएसपी एवं थानेदार ने सीमा लांघते हुए स्पीकर से ही अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया था।