परवेज अख्तर/सिवान : सदर अस्पताल में मंगलवार की रात करीब 11:45 बजे एक विचाराधीन कैदी की उपचार के दौरान मौत हो गयी. मृत कैदी लाल बहादुर प्रसाद जीबी नगर थाने के गौर गांव निवासी बलिराम प्रसाद का पुत्र था. शनिवार को मृत कैदी तथा उसके दो पुत्रों को जीबी नगर थाने की पुलिस ने शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. लाल बहादुर प्रसाद की मौत की सूचना उसके परिवार वालों को मिली वे बुधवार की सुबह करीब 4:00 बजे सदर अस्पताल पहुंचे. कैदियों की सुरक्षा में तैनात पुलिस तथा सैप के जवानों ने पहले अंकित कैदी के परिजनों का आक्रोश झेला. परिजनों को उग्र देखकर पुलिस जवान भाग खड़े हुए. लेकिन, दो सैप के जवानों को परिजनों ने पकड़ कर जमकर पिटाई की तथा उनकी वर्दी को फाड़ दिया. दोनों सैप के जवान किसी तरह अपने को छुड़ा कर जान बचाकर भागने में सफल हुए. परिजनों को उग्र देख डॉक्टर तथा कर्मचारी भी आपात कक्ष छोड़ कर ड्यूटी से हट गये. इसके बाद करीब दो दर्जन की संख्या में परिजनों ने सदर अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया तथा अस्पताल के सामने सीवान बड़हरिया मुख्य मार्ग को जाम कर दिया.
थोड़ी ही देर में नगर थाने के पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार सशस्त्र बल सहित मौके पर पहुंचे. परिजनों ने समझा कि जीबी थाना नगर थाने की पुलिस आ गयी है. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने नगर थाने की जीप पर हमला बोल दिया. पुलिस पदाधिकारी ने जब बताया कि वह नगर थाने से हैं, तब परिजन शांत हुए. इस हंगामे के दौरान उस वार्ड में भर्ती एक अन्य कैदी रस्सी खोल कर भागने में सफल हुआ. करीब 6:00 बजे सुबह में नगर थाने के इंस्पेक्टर जयप्रकाश पंडित सशस्त्र जवानों के साथ सदर अस्पताल पहुंची तथा परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया.
मौके पर पहुंचे एसडीपीओ जितेंद्र पांडे, डीएसपी बिपिन नारायण शर्मा एवं एसडीएम संजीव कुमार ने परिजनों से दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हुए. मृतक कैदी की पत्नी धर्मावती देवी ने बताया कि शनिवार की मध्य रात जीबी नगर के थानाध्यक्ष सशस्त्र बल सहित उसके घर पर पहुंचे. थानाध्यक्ष ने लाल बहादुर प्रसाद तथा उसके दो नाबालिग बच्चों जुगुल 15 साल तथा सुकुल 16 साल को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. कैदी की पत्नी ने बताया कि उसका पति थोड़ा शराब पिया था. लेकिन, उसके दोनों बच्चे शराब नहीं पिये थे. उसने थानाध्यक्ष का आरोप लगाया कि पति तथा दोनों बच्चों को छोड़ने के लिए थानाध्यक्ष द्वारा एक लाख 50 हजार रुपये की मांग की गयी. उसने बताया कि इतने रुपये देने में असमर्थता जताते हुए उसने पति और बच्चों को छोड़ने के लिए आग्रह किया. उसने आरोप लगाया कि थोड़ी देर बाद गांव के चौकीदार लाल बहादुर चौधरी का पोता राहुल कुमार चौधरी आया तथा बोला कि 70 हजार रुपये दो, नहीं तो तुम्हारे पति और बच्चों को जेल भेज दिया जायेगा.
मंगलवार को मंडल कारा में जब कैदी लाल बहादुर प्रसाद की हालत बिगड़ी, तो जेल प्रशासन ने अपराह्न में सदर अस्पताल में भर्ती कराया. हालत चिंताजनक होने के कारण देर शाम 7:00 बजे डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. आनन-फानन में रात 10:00 बजे कैदी को भेजने के लिए डॉक्टर की एक टीम ने मेडिकल बोर्ड द्वारा कैदी को पीएमसीएच रेफर करने की अनुशंसा की. कैदी को यह जाने के लिए पुलिस केंद्र से पदाधिकारियों व जवान भी आ गये थे. लेकिन, रात करीब 11:45 बजे कैदी ने दम तोड़ दिया. कैदी की पत्नी ने कैदी की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा गार्डों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब सदर अस्पताल में पति को देखने आयी, तो उसके पति के हाथों में हथकड़ी लगी हुई थी तथा पैर भी बेड से बांधा गया था. गार्ड द्वारा उसके पति की पिटाई भी की जा रही थी. जब पति को मारने से मना किया, तब गार्डो ने उसे जबरदस्ती वार्ड से हटा दिया. उसने आरोप लगाया कि पुलिस तथा जेल के सुरक्षा गार्डों की पिटाई से ही उसके पति की मौत हुई है. एसडीपीओ जितेंद्र पांडे ने कहा कि परिजनों द्वारा आवेदन दिया गया है. इस मामले की जांच की जायेगी. अगर कोई इसमें दोषी पाया गया, तो उसके विरुद्ध निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी.
इलाज के दौरान कैदी की मौत पर परिजनों ने जवानों को पीटा, पत्नी ने हत्या का लगाया आरोप, कैदी फरार
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