रासायनिक खाद के साथ गोबर प्रयोग करने से मिट्टी की बनी रहती है उर्वरा शक्ति
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के महाराजगंज प्रखंड के जिगरवां पंचायत में किसानों को फसल उगाने में संतुलित मात्रा में खाद प्रयोग करने पर चर्चा की गई . जिसमें काफी संख्या में किसान शामिल हुए . किसानों को संबोधित करते हुए कृषि सलाहकार पुष्पेंद्र कुमार ने कहा फसलों के उत्पादन के लिए खेतों में अधिक मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग फसल के लिए हानिकारक है. किसान जानकारी के अभाव में ज्यादा उत्पादन के लिए खेतों में अधिक उर्वरक डालते हैं. जो फसल व खेतों को नुकसान पहुंचाता है. किसानों को वैज्ञानिक विधि से संस्तुति मात्रा में यूरिया सहित अन्य उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए. संस्तुति मात्रा में उर्वरक खेतों में प्रयोग करने से फसलों की पैदावार भी अधिक होती है.
उन्होंने बताया कि फसल उत्पादन के लिए कुछ पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. जिनमें से तीन प्रमुख हैं, यूरिया, फास्फोरस व पोटाश. खेतों में कृषक यूरिया, डीएपी, क्यूरेट ऑफ पोटाश का अधिक प्रयोग करते हैं. जिनमें से यूरिया का अधिक प्रयोग मृदा पर विपरीत प्रभाव डालता है. देशी खादों का प्रयोग न करना व फसलों के अवशेष को जलाने से खेतों में जीवांश कार्बन की कमी हो जाती है. उन्होंने कहा कि यूरिया के अधिक प्रयोग से फसलों की अल्पआयु में ही अधिक वृद्धि हो जाती है ,जिससे प्रतिकूल मौसम में इनके गिरने की संभावना बढ़ जाती है . संतुलित मात्रा में रासायनिक खाद के साथ देशी गोबर खाद का भी प्रयोग करने से खेत की उर्वरा शक्ति बनी रहती है.