परवेज अख्तर/सिवान: कोरोना संकट में जारी लॉकडाउन ने प्रसव को प्रभावित किया है। सदर अस्पताल में होने वाले संस्थागत प्रसव का ग्राफ नीचे गिर रहा है। वाहनों के परिचालन न होने से गर्भवती पहले की तरह अस्पताल नहीं पहुंच पा रहीं हैं। गांव-कस्बों से सदर अस्पताल तक पहुंचने का एकमात्र साधन एंबुलेंस सेवा ही है, जो सभी को आसानी से उपलब्ध नहीं हो रही है। इस कारण संस्थागत प्रसव में कमी आई है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो मई के सात दिनों में 43 गर्भवती का सदर अस्पताल में प्रसव कराया गया। वहीं सात दिन में मात्र एक सिजेरियन ऑपरेशन हुआ। कोरोना के मुश्किल दौर में निजी अस्पताल या ग्रामीण स्तर के चिकित्सकों को लाभ हो रहा है।
सदर अस्पताल के लेबर रूम में विशेष साफ- सफाई , शारीरिक दूरी के साथ- साथ मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जा रहा है। संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सदर अस्पताल में सभी कर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। डॉक्टर की मानें तो गर्भावस्था में सभी माताएं को आहार भोजन व नाश्ता में जरूर लेते रहें। यह पौष्टिक आहार मां व उनके गर्भस्थ की सेहत के लिए जरूरी है। खान पान में दाल, हरी सब्जी, अंडा, रोटी, चावल, दूध, दही, फल निश्चित रूप से लें।
प्रसव के आंकड़ों पर एक नजर.. माह–सामान्य– सिजेरियन
- जनवरी – 434 – 76
- फरवरी 378- 70
- मार्च – 433- 79
सदर अस्पताल में मई माह के सात दिन में कुल 43 प्रसव हुआ है। इसमें एक प्रसूता की सिजेरियन डिलीवरी कराई गई तथा 42 प्रसूता का सामान्य प्रसव कराव कराया गया है।
एसरारूल हक
स्पताल प्रबंधक सदर अस्पताल