पटना: द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर बिहार में सियासत गरम है। इस फिल्म को बिहार में टैक्स फ्री कर दिया गया है। टैक्स फ्री करने के साथ-साथ अब यह फिल्म सभी विधायकों को बिहार सरकार की तरफ से मुफ्त में दिखाई जाएगी। इसको लेकर उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने पिछले दिनों विधानसभा में अनाउंस किया कि सभी विधायक और विधान पार्षद 25 तारीख की शाम 6:30 बजे पटना के पी एंड एम मॉल में आकर इस फिल्म को देख सकते हैं। उसकी व्यवस्था बिहार सरकार करेगी। अब यह फिल्म विपक्ष को रास नहीं आ रही है। बिहार सरकार के तरफ से दिया गया ऑफर ना तो कांग्रेस को मंजूर है और ना ही आरजेडी को।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रेमचंद मिश्रा कहते हैं कि बिहार सरकार की तरफ से दिया गया यह ऑफर उन्हें स्वीकार नहीं है। मुझे जो भी फिल्म देखनी होगी अपने खर्चे पर देखूंगा। मुझे ना तो बिहार सरकार का टिकट चाहिए और ना ही उनका यह प्रस्ताव चाहिए। बिहार सरकार यह सिर्फ नौटंकी कर रही है। बिहार सरकार को अगर कश्मीरियों के प्रति सहानुभूति है तो वह पैसा इकट्ठा करके कश्मीरी पंडितों को फिर से पुनर्वास कर सकती है। उन्होंने कहा कि जिस समय यह घटना घटी थी, उस समय कश्मीर से लेकर दिल्ली तक में बीजेपी की सरकार थी। बीजेपी की गवर्नमेंट दिल्ली में थी और बीजेपी द्वारा नॉमिनी राज्यपाल कश्मीर में थे। उन्होंने पलायन को रोका नहीं, पलायन होने दिया और अत्याचार को बढ़ावा दिया। इस मामले पर फिल्म बनाकर राजनीतिक रोटी सेंकी जा रही है।
वहीं, आरजेडी ने भी इस फिल्म के बहिष्कार का निर्णय लिया है। आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार की तरफ से लिया गया निर्णय स्वीकार्य नहीं है। बिहार सरकार ने यह सिर्फ फरमान सुनाया है और आरजेडी का कोई भी नेता इस फरमान को मानने को तैयार नहीं है। आरजेडी इस फिल्म को देखने नहीं जाएगी। आरजेडी इस फ़िल्म के खिलाफ है। यह बिहार सरकार का तुगलकी फरमान है। जिसका विरोध आरजेडी करेगी, उनके आदेश का कोई पालन नहीं किया जाएगा।