महागठबंधन का खेल बिगड़ा,11 सीटों पर एनडीए आगे
परवेज़ अख्तर:– [विशेष रिपोर्ट]
बिहार के सीमांचल में एनडीए आधी सीटें जीतती नजर आ रही है।एआईएमआई ने बिहार की 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। जिसमें से 14 उम्मीदवार सीमांचल इलाके की सीटों पर है। बिहार चुनाव के अभी तक आए रुझान में ओवैसी की पार्टी 3 सीटों पर आगे चल रही है।जबकि 2 सीटों पर दूसरे नंबर पर है। इस तरह से सीमांचल में ओवैसी फैक्टर के चलते महागठबंधन का खेल बिगड़ता नजर आ रहा है।जबकि एनडीए की बल्ले-बल्ले है ।सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में एनडीए को 11 सीटों पर बढ़त नजर आ रही है। जबकि महागठबंधन महज 5 सीटों पर आगे चल रहा है इसके अलावा 8 सीटों सीटें अन्य को मिल रही है।जिनमें ओवैसी की पार्टी 3 सीटों पर आगे है।ओवैसी की पार्टी अमौर और कोचाधामन सीट पर आगे चल रही है। कई सीटों पर ओवैसी भले ही जीतते नजर आ रहे हो। लेकिन उनके प्रदर्शन से महागठबंधन का खेल जरूर बिगड़ता दिखाई दे रहा है।
सीमांचल की 24 सीटों में से महागठबंधन की ओर से आरजेडी 11 कांग्रेस 11 भाकपा माले 1 और सीपीएम 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है।वहीं एनडीए और बीजेपी 12 जदयू 11 और हम 1 सीट पर चुनावी किस्मत आजमा रही है।सीमांचल इलाके में 2015 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस ने यहां अकेले 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी।जबकि बीजेपी से अलग चुनाव लड़ने वाली जेडीयू को छह और आरजेडी को 3 सीटें मिली थी।बीजेपी को छह और एक सीट भाकपा माले को गई थी। बतादें कि 2015 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे।जिनमें चार कोचाधामन सीट पर एआईएमआई के प्रत्याशी अख्तरुल इमान दूसरे नंबर पर रहे थे।इसके बाद 2019 में हुए उपचुनाव में किशनगंज सीट पर एआईएमआई खाता खोलने में कामयाब रही थी। इस बार बीजेपी एक नंबर पर चल रही है और दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी हैं। यहां ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर चल रहे हैं।