बेटी की डोली से पहले उठी दारोगा की अर्थी…..बालू माफियाओं के हमले में पुलिसकर्मी हुए थे घायल….

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औरंगाबाद: दाउदनगर थाना के सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र पासवान ने बड़े अरमान से बेटी का रिश्ता तय किया था। 16 फरवरी को रोहतास जिले के शिवसागर थाना के सोनडिहरा गांव में घर पर बेटी की बारात आने वाली थी। बेटी की डोली विदा करने से पहले ही बाप की अर्थी उठ गई। घर में शादी और बारात की तैयार धरी रह गई। घर से लेकर पुलिस महकमे तक में मातम पसर गया।

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गौरतलब है कि सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र पासवान दाउदनगर के नानू बिगहा बालू घाट पर हुए लूट और मुंशी की हत्या के मामले के एक आरोपी को गिरफ्तार करने 27 जनवरी को सदल बल शमशेरनगर पीड़ी पर गये थे। उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन वापसी में अचानक आरोपी के समर्थकों ने पुलिस की टीम पर जानलेवा हमला बोल दिया और आरोपी का पुलिस के कब्जे से छुड़ा लिया। हमले में सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र पासवान बुरी तरह घायल हो गये। आनन फानन में उन्हें इलाज के लिए दाउदनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए पटना के पारस अस्पताल रेफर कर दिया और पटना में ही इलाज के दौरान रविवार की दोपहर उन्होंने दम तोड़ दिया।

सब इंस्पेक्टर की मौत की खबर मिलते ही दाउदनगर के पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ पड़ी। दाउदनगर थाना में मातम पसर गया। मौत की खबर जैसे ही सब इंस्पेक्टर के गांव पहुंची, वहां भी रूदन क्रंदन मच गया। परिवार के लोग हाहाकार कर उठे। घर से महिलाओं के रोने चिल्लाने की आवाज आने लगी। देखने वालो का कलेजा मुंह को आ गया। जितनी मुंह उतनी गमगीन बाते होने लगी। लोग कहने लगे कि बेचारे वीरेंद्र के साथ उपर वाले ने अच्छा नहीं किया। बेटी को डोली को विदा करने से पहले उसकी अर्थी उठ गयी। अब बेटी की शादी कैसे होगी। परिवार का कैसे गुजारा होगा। भगवान ऐसा दुख किसी को न दे। बेचारे के परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है।