इलाज के लिए इमरजेंसी में पहुंचे मरीज
ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को हुई काफी परेशानी
परवेज अख्तर/सिवान : भोजपुर में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से हाजिरी बनाने को लेकर डॉक्टर और डीएम के बीच उपजे विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में भोजपुर के डीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिला मुख्यालय समेत प्रखंड क्षेत्रों के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने दूसरे दिन गुरुवार को कार्य बहिष्कार किया। इसके कारण सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बाधित रही। हालांकि,अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा चालू रही। ओपीडी नहीं चलने से स्वास्थ्य सेवा पिछले दो दिनों से चरमरा गई है। इलाज कराने आए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सैकड़ों मरीज बिना इलाज कराए ही वापस लौटने को मजबूर हो गए, आयुष चिकित्सकों के भरोसे इमरजेंसी सेवा जैसे-तैसे चलाई गई। मालूम हो कि सदर अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन औसतन छह से आठ सौ मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार की घोषणा को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने एक-दो डॉक्टरों की सेवा लेते हुए इमरजेंसी वार्ड को चलाया। दूसरे दिन सड़क दुर्घटना हो जाने के कारण इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की भीड़ देखने को मिली। इमरजेंसी सेवा पहले की तरह ही चालू रही। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी इमरजेंसी सेवा में तत्पर दिखे। डॉक्टरों व डीएम के बीच उपजे विवाद को लेकर बुधवार को भी पूरे जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल व सीएचसी से लेकर सदर अस्पताल में ओपीडी ठप रही।
क्या कहते हैं मरीज व तीमारदार
पपौर निवासी रीता देवी ने बताया कि दो दिनों से अपने बच्चे को दिखाने के लिए सदर अस्पताल का चक्कर लगा रही हूं। अस्पताल पहुंचने के बाद कोई भी कर्मी नहीं मिला जिससे यह पता चल सके कि आखिर कब ओपीडी में चिकित्सकों से मुलाकात होगी। गोपालगंज के कुचायकोट सेमरा निवासी सफीना खातून ने बताया कि इस जाड़े में छोटे बच्चे को लेकर 40 किलोमीटर दूर से आना पड़ा है। जब अस्पताल पहुंची तो पता चला कि डाक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया है। अब बच्चे को दिखाने के लिए जाएं तो जाएं कहां। पपौर निवासी ज्योति देवी ने बताया कि सुबह से ही अस्पताल पहुंचकर डाक्टरों के आने का इंतजार कर रहीं हूं, लेकिन दो घंटे बाद पता चला कि डाक्टर नहीं आएंगे, तो थक हारकर अब घर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा। आंदर के तियांय निवासी शिल्पी कुमारी ने बताया कि कल बुधवार से ही डाक्टर से दिखाने के लिए आ रहे हैं। मर्ज बढ़ रहा है, इसलिए बार-बार अस्पताल आना पड़ रहा है। दवा भी खत्म हो गई है। लेकिन यहां पर पहुंचने के बाद डाक्टरों की हड़ताल के कारण इलाज नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रखंडों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप-स्वास्थ्य केंद्रों व रेफरल अस्पताल में भी ओपीडी कार्य बाधित होने से मरीजों को परेशानी हुई। बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार की सुबह 10.30 से बाह्य कक्ष सेवा ठप रही, तथा आपात सेवा जारी है। आरा में हुए विवाद को लेकर यह सिलसिला चल रहा है। बुधवार को भी 11 बजे के बाद बाह्य कक्ष सेवा बंद हो गई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। रोगियों का आना कम हो गया है ।