पटना: दरभंगा एयरपोर्ट की सुरक्षा सीआइएसएफ को सौंपी जा सकती है। दरभंगा के भाजपा सांसद गोपालजी ठाकुर की मांग पर मंगलवार को यह भरोसा केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिया। इससे पहले ठाकुर ने लोकसभा स्थित कार्यालय कक्ष में गृह मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति आभार जताया। गोपालजी ठाकुर ने इस दौरान अमित शाह से मिथिला को केंद्र में रखकर दरभंगा आने का अनुरोध किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने ठाकुर का न्योता स्वीकार करते हुए कार्यक्रम तय करने का सुझाव दिया।
इस दौरान सांसद ने मिथिला के केंद्र दरभंगा में एम्स, उड़ान योजना से दरभंगा एयरपोर्ट को जोडऩे, आइटी पार्क, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, तारामंडल, दरभंगा- समस्तीपुर दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण, दरभंगा-आमस एक्सप्रेस-वे, कोसी रेल महासेतु, कचरा निस्तारण प्लांट, पाग पर डाक टिकट जारी करने, दरभंगा रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए आभार जताया। गोपालजी ठाकुर ने दरभंगा में सीआइएसएफ बेस कैंप की स्थापना, दरभंगा स्थित दरभंगा एयरपोर्ट का सुरक्षा CISF से कराने, दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण कवि कोकिल विद्यापति जी के नाम पर करने का अनुरोध किया।
दरभंगा स्टेशन पर अब ट्रेन के कोचों में पानी भरने हेतु त्वरित जल प्रणाली क्विक वाटरिंग सिस्टम की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इस प्रणाली के उपयोग से न केवल पानी की बर्बादी पर नियंत्रण किया जा सकेगा, बल्कि काफी कम समय में ट्रेन के कोचों में पानी भरा जा सकेगा। इस तरह जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा। पूर्व मध्य रेल के मुख्य जन संपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि त्वरित जल प्रणाली में तीन उच्च दबाव वाले पंप शामिल हैं जो प्लेटफार्म पर हाइड्रेंट को पानी की आपूर्ति करते हैं।
इस संयत्र के संचालन के लिए इसमें अग्रिम स्वचालन और नियंत्रण प्रणाली भी है जिसमें पंपों की क्रमिक शुरुआत के साथ-साथ प्रत्येक पंप के लिए परिवर्तनशील गति नियंत्रण शामिल हैं। इस सिस्टम का कंट्रोल रिमोट आपरेशन के लिए मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है। ट्रेनों में पानी भरने में लगने वाला समय पहले की व्यवस्था की तुलना में काफी कम है, अब 24 कोच वाली ट्रेनों को पूरी तरह से पानी देने में केवल 10 मिनट का समय लगता है। इससे मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की समयपालन में सुधार में भी मदद मिलने लगेगी।